बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में हाथियों के उत्पात और सिलसिलेवार हुई हाथियों की मौत की खबरें चर्चा में बनी हुई है. इस बीच हाथियों की मौत का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. दरअसल एक रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में 10 सालों में 100 से अधिक हाथियों की मौत हुई है. वहीं 300 से अधिक लोगों को हाथियों ने मार दिया है.
डॉ. अनूप भल्ला ने जनहित में कहा है कि 50 फीसदी हाथियों की मौत करंट लगने से हुई है. इसके अलावा याचिका में समस्या के साथ समाधान भी पेश किया है. याचिका में मानव-हाथी द्वंद की समस्या और उसके समाधान की बात कही गई है. इसके बाद कोर्ट ने सरकार और बिजली विभाग को नोटिस जारी किया है और 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है. यह मामला चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू के डिविजन बेंच में लगा था.
डॉ. अनुप भल्ला ने याचिका में यह भी बताया कि- ‘ज्यादातर हाथियों की मौत बिजली तारों की वजह से हुई है. इसलिए सोलर फेंसिंग, रेडियो कॉलर, एलीफेंट क्वार्टर का क्रियान्वयन करने की मांग भी रखी गई. जिससे हो रही घटनाओं पर रोक लगाया जा सके. वहीं मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने राज्य शासन का पक्ष रखा. उनकी ओर से बताया गया कि सरकार मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए योजनाएं चला रही है। कई योजनाएं लाई भी जा रही हैं.’
बता दें सूरजपुर के प्रतापपुर में 9 और 10 जून को 2 हथिनियों की मौत, बलरामपुर में अतौरी के जंगल में 11 जून को 1 हाथिनी की मौत, धमतरी में माडमसिल्ली के जंगल में कीचड़ में फंसने से 15 जून को एक हाथी के बच्चे की मौत और रायगढ़ के धरमजयगढ़ में 16 और 18 जून को 2 हाथियों की मौत की मौत हुई थी. इस प्रकार छत्तीसगढ़ में 9 जून से लेकर गुरुवार तक 6 हाथियों की मौत हो चुकी है.
इसके बाद सरकार ने कई अधिकारीयों और कर्मचारियों का तबादला भी किया था.