रायपुर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरूवार को कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी है। पूर्व महापौर और सक्रिय नेता किरणमयी नायक को महिला आयोग का अध्यक्ष पद दिया गया है। इस अहम जिम्मेदारी निर्वहन वह किस प्रकार करेंगी? महिला आयोग किन प्रमुख मुददों पर पहले काम करेगा? वरिष्ठ महिला वकील होने का कितना फायदा आयोग को मिलेगा? इन सभी मुददों पर सीआईएन की वरिष्ठ संवादाता मीनल दीवान ने उनसे बातचीत की और उन्होंने शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि ये तो अभी सिर्फ शुरूआत है, मेरी मंजिल आसमान तक है।
पता था मेरा नाम पहली लिस्ट में होगा
किरणमयी नायक ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात होने के बाद उन्होंने कहा था कि वे हमारे कांधों पर कोई बड़ी जिम्मेदारी देंगे। मुझे उम्मीद थी कि मेरा नाम पहली लिस्ट में होगा, हालांकि इस बात का अंदाजा नहीं था कि वो मुझे महिला आयोग की अध्यक्ष का अहम पद देंगे। लिस्ट जारी होते ही हमने काम शुरू कर दिया है। सबसे पहले आयोग के अधिकारियों से मिलकर लंबित मामलों की फाइल को निपटाना है और उसके बाद महिलाओं और किशोरियों के हितों में आगे बढ़कर बहुत काम करना है।
30 साल की वकालत का मिलेगा लाभ
पूछे जाने पर कि महिला आयोग को उनकी वकालत के पेशे का कितना लाभ मिलेगा? उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी बात यही है कि मैंने 30 तक महिलाओं के हक में न्यायालय में जो लड़ाई लड़ी है, उसका फायदा आज आयोग की अध्यक्ष बनने के बाद महिलाओं को ही मिलेगा। मेरा अनुभव कहता है कि कानून की जानकारी न होने की वजह से ही आयोग में हजारों मामले लंबित पड़े हुए हैं। उनको कानून की दृष्टि से कैसे निपटाना है, ये मेरी पहली जवाबदारी होगी। इसके अलावा 1 हफृते के अंदर ही आयोग के काम को समझते हुए महिलाओं और किशोरियों के विकास और उनकी समस्याओं केे हल पर काम करना है।
फंड महत्व नहीं रखता, काम करने का जज्बा होना चाहिए
श्रीमति नायक ने कहा कि जब वह महापौर थी तब राज्य में बीजेपी की सरकार थी। अक्सर फंडिंग की कमी का हवाला दिया जाता था। बावजूद इसके उन्होंने सिटी बस सेवा, तेलीबांधा सौंदर्यीकरण, बीएसयूपी मकान निर्माण योजना जैसे कई कार्य कर दिखाए। उनका कहना है कि चूंकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में फंडिंग की कोई दिक्कत नहीं आएगी। बकौल किरणमयी नायक फंड महत्व नहीं रखता, काम करने का जज्बा होना चाहिए। काम कराने के तरीके आने चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला आयोग के अध्यक्ष रहते हुए वह कई महत्वपूर्ण काम करने का माद्दा रखती हैं और अपनी इस जिद को वह पूरा कर दिखाएंगी।