रायपुर: कोंडागांव के किसान की आत्महत्या ने अब राजनीति तूल पकड़ लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह ने इस मामले में सरकार को घेरा है। उन्होंने अरोप लगाया है कि सरकार की कुशासन और कुनीतियों की वजह से किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार उसे ही नशेड़ी साबित करने पर तुली हुई है। इसका जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री को इस मामले में कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
आपको बता दें कि कोंडागांव के 40 वर्षीय किसान धनीराम ने बैंक से खेती के लिए 62 हजार रूपये का कर्ज लिया था। वह 100 क्विंटल धान बेचने की तैयारी कर रहा था लेकिन उसे महज 11 क्विंटल का टोकन मिला था। जिसके बाद वह डिप्रेशन में आ गया और कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली। हालांकि अनुविभागीय अधिकारी ने अपनी जांच में कहा है कि धनीराम अपने बेटे की मौत के बाद से डिप्रेशन में था और अक्सर नशे में रहता था।
इस मामले में डाॅ रमन सिंह ने अपने टवीट में कहा-
वहीं कृषि मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि देश के अन्नदाता देश की राजधानी में बैठे हुए हैं, उस पर पूर्व मुख्यमंत्री कुछ क्यों नहीं कहते? किसानों पर पीएम मोदी लाठियों की बौछार कर रहे हैं, उस पर उनका क्या कहना है? भूपेश सरकार इस बार 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीद रही है, इसमें रमन सिंह को इतनी तकलीफ क्यों हो रही है? उन्होंने किसानों को धोखा दिया है. 2100 रूपए प्रति क्विंटल पर खरीदी का वादा किया था, 300 रूपए बोनस देने का वादा किया था, लेकिन क्या हुआ? किसानों के बारे में उन्हें बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है।