Jagdalpur : महारानी अस्पताल में मेडिकल स्टोर का टेंडर निरस्त, डॉक्टर की भूमिका संदेह के दायरे में

जगदलपुर : महारानी हास्पिटल के मेडिकल स्टोर के लिये मंगाये गये टेंडर को प्रक्रिया पूरी होने के बाद बिना कोई विशेष कारण बताये निरस्त कर दिया गया है। टेंडर के कैंसल होने के पीछे यह तैनात एक संविदा डाॅक्टर की भूमिका बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार यहां तैनात संविदा डाॅक्टर ने भी अपने एक चहेते मेडिकल स्टोर संचालक से टेंडर भरवाया था लेकिन जब वे इस काम में सफलता मिलती नहीं दिखी तो उन्होंने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए पूरी प्रक्रिया को ही निरस्त करवा दिया है।

महारानी हॉस्पिटल प्रबंधन ने दवा दुकान के लिए मेडिकल कारोबारियों से दो लिफाफों में बीड मंगवाये गये थे। पहले लिफाफे में टेक्निकल बीड और दूसरे में मरीजों को छूट को देने की बीड का उल्लेख करना था। हॉस्पिटल प्रबंधन ने पहले टेक्निकल बीड के लिफाफे खोल दिये। इस दौरान करीब पांच कारोबारी कागज पूरे नहीं होने से टेंडर की दौड़ से बाहर हो गये। इन पांच में संविदा डाॅक्टर का चहेता कारोबारी भी शमिल था। इसके बाद छूट वाले बीड के लिफाफे खोलने थे जिसे खोला ही नहीं गया और टेंडर को निरस्त कर दिया गया।

मामले पर जब सिविल सर्जन डॉ. विवेक जोशी से प्रतिक्रिया चाही गई तो उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टोर के लिए
जो टेंडर जारी किया गया था उसमे छूट कैसे देनी है तय नहीं किया था ऐसे में पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है।

पहले पंच और फिर उपसरपंच का चुनाव जीतने वाले शिवेंदु झा ने भी महारानी में चल रही व्यवस्था पर सवाल उठाये है उन्होंने कहा कि यहां डाक्टर मरीजों की सेवा से ज्यादा अपना उल्लू ठीक करने में लगे रहते है उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की बारिकी से जांच होनी चाहिये।

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