ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को लताड़ा, कहा- मुंह में मत खुलवाइए, एक शहर का रेट 100 करोड़ रुपये है

नई दिल्ली: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में एक बार फिर से कांग्रेस को लताड़ा है। सिंधिया के संबोधन के दौरान कई कांग्रेस सांसद पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर विरोध कर रहे थे। इस पर उन्होंने बढ़ती महंगाई का गणित अच्छे से समझा दिया है। साथ ही वाजे केस पर भी सिंधिया ने सदन में कांग्रेस को घेरा है और कहा है कि मुंह में मत खुलवाइए। एक शहर का रेट 100 करोड़ रुपये है।

उन्होंने ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामों को बहुमत मुद्दा उठाया गया है। यह असलियत है कि दाम बढ़े हैं। यह भी असलियत है कि जो बढ़ोतरी हुई हैउसका बंटवारा क्या है। लोगों के आंखों में धूल झोंकने की भी सीमा होती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पेट्रोल की कीमतों का गणित विपक्ष को समझाया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर खर्चा निकालने के बाद 40 राज्य और 60 प्रतिशत केंद्र को मिलता है। 60 फीसदी में से भी 42 फीसदी राज्य को जाता है। राज्य को उस राशि का 64 पर्सेंट मिलता है और 36 फीसदी केंद्र के पास रहता है।

बीजेपी सांसद ने कहा कि महाराष्ट्र में तो सबसे ज्यादा दाम हैं। यहां आप सरकार को दुहाई दे रहे हैं, लेकिन वहां कोई कदम नहीं उठाते हैं। मैं इतना कहना चाहता हूं.. जिनके घर के शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते।

कांग्रेस सांसद ने 15 लाख का वादा याद दिलाया तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मेरा मुंह मत खुलवाना राय जी। 15 लाख की बात करेंगे तो मैं महाराष्ट्रा की बात करूंगा। पिछले तीन-चार दिनों में जो रिपोर्ट आ रही है। 100 करोड़ रुपये गृह मंत्री ले रहे हैं। मेरा मुंह खुला तो मैं शुरू हो जाऊंगा। आप पहले 100 करोड़ रुपये का हिसाब दो। ये तो सिर्फ मुंबई शहर का है। बाकी शहर का हाल क्या है। सभापति महोदय, ये तो गरीब लोगों से वसूली कर रहे हैं।

सिंधिया ने कहा कि हमारी सरका गरीबों के उत्थान के लिए काम कर रही है। कोरोना संकट के कारण हम सभी पर असर पड़ा है। कांग्रेस का काम सिर्फ विरोध करना है। यह पार्टी ने जी-23 के लोगों की पीड़ा नहीं समझ पाई है तो देश के लोगों की पीड़ा क्या समझेगी। विरोध कर रहे सांसदों को उन्होंने कहा कि आपकी बात को हमने गौर से सुना है। आप हमारी बात को भी ध्यान से सुनो।

निजी निवेश पर बोलते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यूपीए सरकार भी सरकारी कंपनियों में निजी निवेश लाना चाहती थी। सिंधिया के इस बयान पर विरोधियों ने हंगामा शुरू कर दिया। ऑयल इंडिया केमिकेल्स में एक लाख करोड़ रुपये का विनिवेश 2009 से 2014 में हुआ है। उसके बाद हमलोग यहां भाषण सुन रहे हैं। इन्हें इतने उतेजित होने की जरूरत नहीं है। मोदी सरकार इनके अधूरे सपने को पूरा कर रही है। ये लोग आपदा में राजनीति कर रहे हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि बैड लोन्स की प्रक्रिया की शुरुआत यूपीए की सरकार में हुई थी। उन्होंने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के स्टेटमेंट के सहारे कांग्रेस पर हमला किया है। इस दौरान विरोधियों ने सिंधिया को कहा कि आपकी भी सरकार थी। एलआईसी के आईपीओ आने से प्राइवेट पूंजी की प्रवाह बढ़ेगी। आईपीओ के जरिए हमलोग एलआईसी में पारदर्शिता लाएंगे।

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