JAGDALPUR | बस्तर में पर्यटन स्थल को संवारने लाखों-करोड़ों खर्च, फिर भी पर्यटक निराश, जाने क्यों

जगदलपुरः छत्तीसगढ़ का बस्तर (Bastar) प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है. चित्रकोट, तीरथगढ़ जैसे प्रसिद्ध वाटरफॉल के साथ यहां 10 से भी अधिक पर्यटन स्थल है. यहां हर साल दशहरे, नए साल और गर्मियों की छुट्टी में हजारों पर्यटक घूमने आते हैं. बावजूद इसके पर्यटन विभाग यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को सुविधा के नाम पर किसी तरह की कोई सुविधा नहीं दे पा रहा है. इसके चलते अब बस्तर में पर्यटकों की संख्या भी कुछ सालों से घटती जा रही है. छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की अनदेखी के चलते यहां बंद पड़े मोटल को ना ही दोबारा खुलवाया गया है और ना ही पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर नए मोटल या रिसॉर्ट बनाए गए हैं. लिहाजा यहां देश के कोने-कोने से पहुंचने वाले पर्यटक पर्यटन स्थलों में असुविधा को लेकर काफी निराश हो रहे हैं.

सुविधाओं के अभाव में पर्यटक हो रहे नाखुश
बस्तर के पर्यटन स्थलों को जिस गति से बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना था. वह सरकार और पयर्टन बोर्ड के तमाम दावे के बावजूद आज तक नहीं हो पाया है. बस्तर के पर्यटन स्थलों का लुत्फ उठाने आने वाले पर्यटकों के रुकने और मनोरंजन के लिए कोई भी सुविधा पर्यटन बोर्ड ने यहां नहीं कर रखी है. मनोरंजन की सुविधा के नाम पर यहां वाटरफॉल के अलावा कुछ भी नहीं है और ना ही पर्यटको के लिए प्रसिद्ध चित्रकोट और तीरथगढ़ पर्यटन स्थल में रुकने की सुविधा है. चित्रकोट वाटरफॉल के निचले हिस्से में एनीकट बनाकर नौकायान की योजना थी लेकिन यह धरी की धरी रह गई. वहीं वर्तमान में सीमित जगह पर नौकायान करवाया जा रहा है. इसे भी एक समिति के हवाले किया गया है जो अपनी क्षमता अनुसार पर्यटको का साथ देते हैं.

घुमने की कई जगह
वाटरफॉल का खूबसूरत नजारा देखते हुए यहां पर्यटक करीब आधे घंटे का समय बिता लेते हैं, लेकिन बाद में यहां समय बिताने के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है इसलिए स्थानीय पर्यटक एक बार जाने के बाद दोबारा जाना पसंद नहीं करते हैं. वहीं पर्यटकों का कहना है कि वाटरफॉल के नजदीक बेहतर पार्क विकसित किया जा सकता है लेकिन पर्यटन बोर्ड की अनदेखी के चलते यहां किसी तरह की कोई मनोरंजन की सुविधा नहीं है. इसके चलते पर्यटक यहां ज्यादा देर रुकना पसंद नहीं करते वहीं दूसरे राज्यों से आए पर्यटकों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर को प्रकृति ने खूबसूरती से नवाजा है. यहां के वाटरफॉल, घने जंगल और नैसर्गिक गुफाएं जन्नत से कम नहीं लगती लेकिन पर्यटन बोर्ड इन्हें विकसित नहीं कर पाया  और ना ही पर्यटकों की सुविधाओं के लिए कोई खास योजना बना  पाया है. 

ठहरने की व्यवस्था नहीं
इसके चलते पर्यटकों को यहां स्टे करने से लेकर खाने पीने की सुविधाओं के लिए भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है. पर्यटन विभाग चाहे तो बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ सुविधाओं का विस्तार कर सकता है. ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आकर वाटरफॉल की खूबसूरती देखने के साथ मनोरंजन भी करें इसके लिए काफी कुछ बनाया जा सकता है. इसे पर्यटन विभाग की उदासीनता ही कहेंगे कि अब तक इन स्थलों में किसी तरह की कोई मनोरंजन की सुविधा की पहल नहीं की गई है. इसके चलते पर्यटक यहां केवल आधे घंटे रुककर वापस जाना ही पसंद करते हैं.

अधिकारियों ने कहा
पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिले इसके लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. हालांकि चित्रकोट में रिसॉर्ट जरूर है लेकिन वह वीआईपी और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए है और एक आम पर्यटकों के पहुंच के बाहर है. इसके अलावा प्राइवेट रिसॉर्ट हैं जिनकी कीमत काफी ज्यादा है. फिलहाल विभाग स्थानीय प्रशासन की मदद से इन स्थलों में आम पर्यटक भी रुक सके और उनके सुविधा का भी ख्याल रख सके इसके लिए योजना जरूर बना रहा है.

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