DURG | सांतरा बांध में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 से ज्यादा पक्षियों का बसेरा, विदेशी मेहमानों से गुलजार हुआ छत्तीसगढ़

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के सांतरा बांध में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 से ज्यादा पक्षी डेरा डाले हुए हैं। इनमें दूर देश से आए प्रवासी पक्षी नॉर्थन पिनटेल, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, नॉर्थन शॉलेवर, गढ़वाल, गारगने आदि बदख प्रजाति के पक्षियों की भरमार है। खासकर के पृथ्वी के नार्थ पोल से आने वाले नॉर्थन पिनटेल की संख्या हजारों में है। ये पक्षी आसमान में कलाबाजी दिखाते हुए पानी में जब उतरते हैं तो वो नजारा देखने लायक होता है। इन नजारों को देखने और कैमरे में कैद करने पक्षी प्रेमी और फोटोग्राफर भी लगातार सांतरा बांध पहुंच रहे है। 

पक्षी विशेषज्ञ और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर राजू वर्मा पाटन क्षेत्र में पक्षियों की लगभग 200 से ज्यादा प्रजाति रिकॉर्ड कर चुके हैं, जिसमें से 67 प्रकार के प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। स्थानीय युवाओं की टीम बनाकर पंक्षियों के संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने का कार्य भी किया जा रहा है। राजू वर्मा ने बताया कि पिछले तीन वर्षों से प्रवासी पक्षियों की सबसे ज्यादा प्रजातियां देखने को मिल रही हैं। पाटन में जलाशयों की संख्या अधिक है, जिससे उन्हें उथले पानी में जलीय काई, शैवाल, जीव-जंतु भोजन के रूप में मिल जाते हैं। वहीं जलाशयों से लगे खेतों में उन्हें ऐसे किट पतंगें खाने को मिल जाते हैं, जो किसानों के दुश्मन होते हैं। क्षेत्र के लंबे-लंबे वृक्ष में वे पंख सुखाकर आराम करते हैं और खारुन नदी के किनारे नदी के बीच में वृक्षों के झुंड में कई पक्षी अपना घोंसला बनाते हैं। इस तरह से इन पक्षियों से जैव विविधता को बनाये रखने में मदद मिलती है।

प्रवासी पक्षियों को देखने पाटन क्षेत्र में पहुंचते हैं लोग   
IUCN (International Union for Conservation of Nature) द्वारा संकट ग्रस्त प्रजाति जैसे रेड नेप्ड आइबिस, ब्लैक हेडेड आइबिस ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, ओरिएण्टल डार्टर पाटन क्षेत्र में आसानी से देखे जा सकते हैं। वहीँ पेंटेड स्टोर्क सुर्खाब के साथ साथ ऊंची उड़ान भरकर यहां आने वाले बार हेडेड, गूस पेसिफिक, गोल्डन प्लोवर यहां की आद्रभूमि में चारा चुगते आसानी से देखे जा सकते हैं। इस बार इस क्षेत्र में पहली बार हिमालयन रीजन से आने वाले ग्रे लेग गूस भी देखा गया था, जिसे राजू वर्मा ने अपने कैमरे में कैद किया है। राजू ने बताया कि लेजर विजिलंग डक, स्पॉट बिल डक, इंडियन कर्मोरेंट, कॉटन पिगनीगुस, जकाना सहित कई भारतीय पक्षीय भी यहां देखे जा सकते हैं। 

आद्रभूमि समूह के तौर पर विकसित करने की योजना
राजू वर्मा ने बताया कि विगत चार वर्षों से लगातार क्षेत्र में आने वाले प्रवासी पक्षियों के बारे में वे लोगों को बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि पाटन सीएम भूपेश बघेल का गृह क्षेत्र है। उन्होंने सीएम के सामने प्रवासी पंक्षियों के संरक्षण का प्रस्ताव भी रखा था, जिस पर मुहर लगाते हुए मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई थी, जिसके अनुरूप छत्तीसगढ़ जैव विविधता बोर्ड के द्वारा बेलौदी, सांतरा, अचनाकपुर, चीचा के बांध को आद्रभूमि समूह के रूप में विकसित करने का फैसला लिया गया है, जिससे यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण मिल सके। राजू वर्मा बताते हैं कि प्रवासी पक्षियों को शिकार से बचाने लोगों को जागरूक भी करते हैं। 

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