Jagadlpur | अब नालों में उतरकर सफाई नहीं करेंगे निगम कर्मचारी, 300 से अधिक सफाई कर्मचारियों को फायदा, लापरवाही बरतने पर होगी जेल

सोहेल रजा
जगदलपुर:
जिले में अब सफाई कर्मचारी नालों या सेप्टिक टैंक में नहीं उतारे जाएंगे। इस पर अब पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। नगर निगम की टीम अब अपने वार्डों के साथ सार्वजनिक उपक्रम की कॉलोनियों में भी इस पर नजर रखेगी। सफाई कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि सेप्टिक टैंक की सफाई मशीनों से ही करें। इस काम में किसी प्रकार की लापरवाही न करें।

पहली बार जिले में लागू हुए केंद्र सरकार के सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज अभियान के तहत कर्मचारियों से कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था संचालक उनसे जबरन या उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर सीवर लाइन, सेप्टिक टैंक और नालियों की सफाई मैनुअली करवाता है तो बे इसकी जानकारी निगम को दें। इसके बाद उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभियान के तहत पहली बार में की जाने वाली इस कार्रवाई में संबंधित से दो हजार रुपए का जुर्माना बसूले जाने के साथ ही दो साल की सजा भी होगी। निगम कि सीवर लाइन, सेप्टिक टैंक व मेनहोल की सफाई को मानव बल नहीं किया जाएग। स्वच्छता अधिकारी अरूण यादव ने बताया इस अभियान के तरह सीवर लाइन, सेप्टिक टंैक और नालियांे के मैनुअली सफाई पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

निगम को मिल सकता है 2 से 8 करोड़ का पुरस्कार
सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज अभियान के तहत जगदलपुर शहर को तीन लाख की आबादी वाले शहरों में शामिल किया गया है। अभियान में तीन श्रेणी में बांटा गया है। पहले श्रेणी में आने वाले शहर को 8 करोड़, दूसरे में 4 और तीसरे स्थान आने पर 2 करोड़ रुपए का सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज विजेता पुरस्कार दिया जाएगा। निगम के मिशन प्रेरक योगेश पांडे ने कहा कि सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज अभियान को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है।

300 से अधिक सफाई कर्मचारियों को फायदा
19 नवंबर से 5 अगस्त 2024 तक चलने वाले इस अभियान का फायदा निगम के 300 से अधिक सफाई कर्मचारियों को मिलेगा। अब हर कर्मचारी को सफाई के लिए उचित उपकरण और साधन दिए जाएंगे। नए तरीके के साधन मिलने से कर्मचारियों को काम करने में आसानी होगी। ज्ञात हो कि अब तक निगम के सफाई कर्मियों के पास सुरक्षा के साधन नहीं दिए गए हैं। बिना साधन के ही सीवर लाइन में कर्मियों को उतार जाता है।

सफाईकर्मी काम के दौरान घायल हो जाते हैं लेकिन मजबूरी में उन्हें इस हालत में भी काम करना पड़ता है जिससे अब उन्हें निजात मिल जाएगी। गौरतलब है कि बड़े व गहरे सेप्टिक टैंक से कचरा खींचने के लिए निगम के पास चार गाड़ियां हैं। जिसके चलते सेप्टिक टैंक से कचरा निकालने में कर्मचारियों को कोई परेशानी नहीं होगी।

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