रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएचई विभाग के जल जीवन मिशन का टेंडर निरस्त कर दिया है। इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमन सिंह ने कहा है कि यह गंभीर विषय है, यहां पारदर्शिता बिल्कुल नहीं है। केन्द्र ने मिशन के लिए 7 हजार करोड़ रूपये दिए हैं और अभी से उसकी बंदरबांट शुरू हो गयी है। हर कोई अपने हिस्से के लिए लड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा है कि मिशन में घोर भ्रष्टाचार हुआ है। कैसे टेंडर के जरिए भ्रष्टाचार हो, यही सरकार सोचती रहती है। जनता विकास चाहती है और सरकार इसे प्राथमिकता नहीं मानती। भ्रष्टाचार को बढाने के लिए इसे आनन-फानन में निरस्त किया गया है।
आपको बता दें कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत 2024 तक ग्रामीण इलाकों में पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस मिशन में हजारों करोड़ की गड़बड़ी की शिकायत कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की थी। इस शिकायत को गंभीरतापूर्वक लेते हुए पूरे मामले का परीक्षण करने के निर्देश दिए गए थे। मुख्य सचिव आरपी मंडल की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच कमेटी का भी गठन किया गया था।