रायपुर: देव भाषा संस्कृत मंे उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को छत्तीसगढ़ विद्यामंडलम द्वारा पुरस्कार एवं सम्मान दिया जाएगा। आपको बता दें कि 2013 से शुरू हुए इस पुरस्कार मंे पांच व्यक्तियों को यह सम्मान दिया जाता है।
महर्षि वाल्मीकि सम्मान ऐसे विद्वान या विदुषी को दिया जाता है जिसने संस्कृत में गद्य, पद्य अथवा चंपू में नई रचना की हो। ऋष्यश्रृंग सम्मान राज्य के गैर-सरकारी या स्वैच्छिक संस्था अथवा व्यक्ति को दिया जाता है जो संस्कृत के प्रचार-प्रसार में लगा हो। लोमश ऋषि सम्मान राज्य के ऐसे संस्कृत अध्यापक को प्रदान किया जाता है, जिसने प्राच्य संस्कृत विद्यालयों में संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हो। कौशल्या सम्मान राज्य स्तर की संस्कृति विदुषी को दिया जाता है और महर्षि वेदव्यास सम्मान संस्कृत विद्यामंडलम को व्यापक स्तर पर बौद्धिक सहयोग प्रदान करने वाले अखिल भारतीय स्तर के एक संस्कृत विद्वान को प्रदान किया जाता है।
मिलेंगे ये सम्मान
इसके तहत महर्षि वाल्मीकि सम्मान, ऋष्यश्रृंग सम्मान, लोमश ऋषि सम्मान, कौशल्या सम्मान और महर्षि वेदव्यास सम्मान प्रदान किया जाएगा। महर्षि वेदव्यास सम्मान में 51 हजार रुपये और शेष सम्मानों के लिए प्रत्येक विद्वान को 31 हजार रुपये की राशि के साथ शाल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाता है। संस्कृत विद्वानों के सम्मान के लिए छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा 20 दिसंबर तक प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं।
इच्छुक विद्वान या संस्था अपना आवेदन सचिव छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम कार्यालय न्यू राजेन्द्र नगर पानी टंकी केपास, छत्तीसगढ़ हाथ करघा कार्यालय के सामने कार्यालयीन अवधि एवं दिवस में भेज सकते हैं।
आवेदकों को यह जानकारी देना जरूरी
आवेदकों को संबंधित सम्मान के लिए सम्मान का नाम एवं वर्ष, व्यक्ति या संस्था का पूर्ण परिचय पत्र व्यवहार पता सहित, संबंधित सम्मान के लिए प्रमाणित विवरण, यदि कोई पुरस्कार या सम्मान प्राप्त किया हो, तो उसका विवरण देना होगा।
चयन होने की दशा में सम्मान ग्रहण करने के संबंध में आवेदक की सहमति दो पासपोर्ट फोटोग्राफ के साथ लिफाफे पर सम्मान एवं वर्ष का उल्लेख करते हुए संस्कृत विद्यामंडलम के कार्यालय में जमा कर सकते हैं या डाक से भेज सकते हैं।