RAIPUR | शिक्षक दिवस पर प्रदेश के 60 शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान, राज्यपाल ने कहा- नक्सली क्षेत्र के स्कूल खुलने से शिक्षा की दिशा और दशा बदलेगी

रायपुरः राज्यपाल अनुसूईया उइके ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश के 60 शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया। इनमें से 56 शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान और 4 शिक्षकों को प्रदेश की महान साहित्यकारों के नाम पर स्थापित स्मृति पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम शामिल हुए।

राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित 56 शिक्षकों में से प्रत्येक को 21-21 हजार रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसके अलावा प्रदेश के महान साहित्यकारों की स्मृति में दिए जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित होने वाले प्रत्येक शिक्षक को 50-50 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र दिया गया। स्मृति पुरस्कारों से जिन शिक्षकों को सम्मानित किया गया उनमें रायपुर केंद्रीय जेल के सहायक शिक्षक नेतराम नाकतोड़े को डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरस्कार’ मिला है। कांकेर जिले की व्याख्याता मीरा आर्ची चौहान को श्री गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार’ दिया गया। कोरबा जिले के व्याख्याता एलबी राकेश टंडन को डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार’ पुरस्कार मिला। वहीं महासमुंद जिले के शिक्षक एलबी हेमंत कुमार खुटे को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार’ प्रदान किया गया।

राज्यपाल अनुसूईया उइके ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा, प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के खुलने से शहरों से लेकर दूरस्थ अंचलों के विद्यार्थियों के अंग्रेजी में पढ़ने का सपना पूरा हो रहा है। नक्सली क्षेत्रों में बंद स्कूलों को प्रारंभ करवाने तथा बालवाड़ी का प्रारंभ शिक्षा की दिशा और दशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राज्यपाल ने कहा कि कोविड काल के दौरान मृत शिक्षकों के परिजनों को शीघ्र अनुकंपा नियुक्ति देकर मानवीय दृष्टि से महत्वपूर्ण पहल की है। साथ ही विद्यालयों के रंगरोगन और जीर्णाेद्धार के लिए 500 करोड़ की राशि आबंटित करने की भी सराहना की।

राज्यपाल ने कहा कि मानव संसाधन का विकास हमारी सबसे पहली जरूरत है और यह विकास, शिक्षा से ही संभव है। मानव संसाधन के विकास से अन्य संसाधनों का विकास आसानी से किया जा सकता है। इसके अभाव में बहुमूल्य संसाधन अनुपयोगी होकर नष्ट हो जायेंगे। आयोजन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूल शिक्षा के लिए सरकार के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा, उनकी कोशिश है कि स्कूलों में बेहतर सुविधा उपलब्ध हो ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई में मन लगे। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

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