रायपुर: 80 हजार रूपये का कर्ज लेना एक दम्पत्ति को बहुत महंगा पड़ गया। वे सूदखोरी के जाल में ऐसे फंसे की एक साल में चार गुना रूपये लौटाने के बाद भी लेनदार उनसे अपने रूपये मांग रहा था। जब उन्हें बचने का कोई रास्ता नहीं दिखा तो दम्पत्ति ने फांसी लगा ली। उनका 22 साल का बेटा भी आत्महत्या कर रहा था लेकिन वह बच गया।
क्या है मामला
दरअसल बिरगांव में रहने वाले मोहन साहू ने जरूरत के लिए 80 हजार रूपये हरेंद्र साहू, मोनू देवांगन, रामेश्वर ठाकुर और गीता ठाकुर से कर्ज लिए थे। एक साल में मोहन ने करीब 3 लाख रूपये चुका दिए थे पर भी सूदखोर रूपयों की डिमांड करते थे। यहां तक की मोहन ने कर्ज चुकाने के लिए एक और कर्ज ले लिया था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने और बार-बार घर में आकर धमकी देने से परेशान होकर परिवार ने यह कदम उठाया था।
डेढ साल बाद पुलिस ने इस मामले में आत्महत्या करने के उकसाने के जुर्म में चार लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया। मोहन के बेटे पुलिस को बताया कि आरोपी पैसों के लिए घर आकर धमकी देते थे। जबकि हर महीने सभी का पैसा दिया जा रहा है। कारोबार भी नहीं चल रहा था। सूदखोरों से परेशान होकर उनके माता-पिता ने खुदकुशी कर ली थी।