प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का प्रीमियम बैंक ने नहीं काटा, मृतक की पत्नी बीमा दावा से हुई वंचित, अब बैंक ऑफ इंडिया देगा 2.16 लाख हर्जाना : जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग का फैसला

रमेश गुप्ता

दुर्ग: बैंक द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत अपने खाताधारक का वार्षिक प्रीमियम काटकर बीमा कंपनी को प्रेषित नहीं किया गया, इसे उपभोक्ता के प्रति सेवा में निम्नतापूर्ण आचरण मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने बैंक ऑफ इंडिया की इंदिरा मार्केट दुर्ग शाखा पर 216000 रुपये हर्जाना लगाया।

ग्राहक की शिकायत

परिवाद के मुताबिक गया नगर दुर्ग निवासी परिवादी श्रीमती महेश्वरी सोनी के पति दिनेश कुमार सोनी का बैंक खाता बैंक ऑफ इंडिया की इंदिरा मार्केट दुर्ग शाखा में संचालित था, इस खाते से बैंक द्वारा पहले तो 12 रुपये वार्षिक प्रीमियम की कटौती की परंतु अगली बार 01 मई 2017 से 30 जून 2018 की अवधि के लिए वार्षिक प्रीमियम की कटौती नहीं की जबकि बैंक खाते में पर्याप्त राशि उपलब्ध थी और इसी बीच कार दुर्घटना में दिनांक 15 अक्टूबर 2017 को परिवादी के खाताधारक पति की मृत्यु हो गई। बीमा क्लेम किए जाने पर परिवादिनी को जानकारी दी गई कि ऑटो डेबिट प्रक्रिया के तहत खाते से प्रीमियम कटौती नहीं हुई। प्रीमियम राशि बीमा कंपनी को नहीं मिली, इस कारण उसे बीमा क्लेम नहीं दिया जा सकता।

अनावेदकगण का बचाव

अनावेदक बैंक ने यह बचाव लिया कि संबंधित योजना के तहत बीमा प्रीमियम की राशि की कटौती ऑटो डेबिट से बीमा कंपनी द्वारा की जानी थी इसीलिए बीमा कंपनी उत्तरदायी है उसे ही बीमा प्रीमियम कटौती के संबंध में कार्यवाही करनी होती है।

अनावेदक बीमा कंपनी दि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने बचाव लेते हुए कहा कि प्रीमियम कटौती के संबंध में ऑटो डेबिट की प्रक्रिया बैंक को करनी होती है, बीमा कंपनी मृतक के बचत खाते से राशि डेबिट नहीं कर सकता। बैंक द्वारा प्रीमियम राशि प्रदान नहीं की गई। जब तक बैंक, बीमा कंपनी के खाते में प्रीमियम राशि ट्रांसफर नहीं कर देता तब तक बीमा पॉलिसी जारी नहीं होती है।

फोरम का फैसला

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व श्रीमती लता चंद्राकर ने प्रकरण में प्रस्तुत साक्ष्य एवं दस्तावेजों की विवेचना से यह निष्कर्ष निकाला कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की नियमावली तहत बीमा प्रीमियम कटौती के लिए बैंक को ही प्रीमियम कटौती के लिए उत्तरदायी बनाया गया है इसीलिए ऑटो डेबिट द्वारा प्रीमियम कटौती करना बैंक की ही जिम्मेदारी है। फोरम ने यह भी कहा कि बैंकिंग ट्रांजैक्शन की प्रक्रिया में ऑटो डेबिट सुविधा बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को दी जाने वाली एक विशेष प्रकार की सुविधा है जिसके अंतर्गत जब ग्राहक द्वारा किसी भुगतान हेतु ऑटो डेबिट का विकल्प लिया जाता है तो इस परिप्रेक्ष्य में ग्राहक द्वारा बैंक को निर्देशित किया जाता है कि वह तय समय में उसके खाते से राशि ऑटो डेबिट कार्ड संबंधित तीसरे पक्ष को उसका भुगतान करें ऐसे में खाताधारक द्वारा ऑटो डेबिट का निर्देश बीमा कंपनी को प्रदान किए जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। फोरम ने बैंक के बचाव को खारिज कर दिया और उसे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का प्रीमियम ऑटो डेबिट कर कटौती नहीं करने के लिए सेवा में निम्नता का जिम्मेदार माना साथ ही बीमा कंपनी को उन्मुक्त करते हुए उसके विरुद्ध प्रकरण खारिज कर दिया।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व श्रीमती लता चंद्राकर ने कहा कि यदि बैंक ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन उचित प्रकार से करते हुए खाताधारक का बीमा प्रीमियम ऑटो डेबिट किया होता तो वह बीमित श्रेणी में शामिल होता इसलिए मृतक को बीमित ही माना जाएगा और अब प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दी जाने वाली बीमा राशि 2 लाख रुपये परिवादिनी को भुगतान करने का उत्तरदायित्व बैंक का है।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व श्रीमती लता चंद्राकर ने बैंक ऑफ इंडिया इंदिरा मार्केट दुर्ग शाखा के मैनेजर को सेवा में निम्नता के लिए जिम्मेदार मानते हुए 2 लाख 16 हजार रुपये हर्जाना लगाया, जिसमें बीमा राशि 200000 रुपये मय ब्याज, मानसिक क्षतिपूर्ति स्वरूप 15000 रुपये तथा वाद व्यय 1000 रुपये देने का आदेश दिया गया।

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