दिल्ली गैंगरेप पीड़िता निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि हर राज्य की पुलिस को हैदराबाद पुलिस से सीखना चाहिए. इन्होंने मिसाल पेश की है.

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि मुझे सात साल बाद भी इंसाफ नहीं मिला है. लेकिन आज जो हुआ है वह मिसाल है. अब अपराधियों के अंदर डर बैठेगा. निर्भया के दोषी अभी भी जिंदा हैं मुझे इस बात का सबसे ज्यादा दुख है

नई दिल्ली:

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में 27 नवंबर को महिला डॉक्टर से गैंगरेप और उसे जलाकर मारने के चारों आरोपियों का पुलिस ने आज एनकाउंटर में ढेर कर दिया. इस खबर के बाद से लगातार लोगों की प्रतिक्रयाएं आ रही हैं. इसी कड़ी में दिल्ली गैंगरेप पीड़िता निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज इस खबर से मैं बहुत खुश हूं. पुलिस ने एक नजीर पेश की है.

अपनी बातों में बार बार उन्होंने पुलिस को धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस पर कोई एक्शन नहीं होना चाहिए. मेरे दिल को बहुत सूकून मिल रहा है. इन आरोपियों के साथ ऐसा ही होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि हर राज्य की सरकार को पुलिस को हैदराबाद पुलिस से सीखना चाहिए. इन्होंने मिसाल पेश की है.

वहीं निर्भया के पिता बदरीनाथ सिंह ने कहा कि हैदराबाद पीड़िता के परिवार को सुकून मिला होगा. कम से कम उन्हें इस बात का दुख नहीं होगा कि उनके बेटी के कातिल जिंदा हैं. उन्हें हमारी तरह दुखी नहीं होना पड़ेगा. एनकाउंटर के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस ने जो किया अच्छा किया. अगर पुलिस ऐसा ना करती तो भी उनके ऊपर सवाल उठते.

बदरीनाथ सिंह ने कहा कि निर्भया कांड के आरोपियों को लटकाया जाना चाहिए. उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.

16 दिसंबर, 2012 को हुई थी निर्भया के साथ दरिंदगी

16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने चलती बस में गैंगरेप और लोहे के रॉड से क्रूरतम आघात किया गया था. इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके पुरुष साथी को चलती बस सेमहिपालपुर में बस से नीचे फेंक दिया गया था. पीड़िता की बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस गैंगरेप की घटना ने देश को हिला कर रख दिया था.

निर्भया केस में एक दोषी विनय शर्मा की दिल्ली सरकार द्वारा खारिज दया याचिका केंद्रीय गृह मंत्रालय को मिल गई है. अब इसे शीघ्र ही राष्ट्रपति भवन को भेजा जाएगा. तिहाड़ जेल में बंद सभी दोषियों में से विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई थी. जिसकी कॉपी दिल्ली सरकार को भेजी गई थी. पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने विनय शर्मा को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया.

दया याचिका खारिज करते हुए दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने लिखा ”यह बेहद जघन्य अपराध है जिसमें याचिकाकर्ता ने बहुत दरिन्दगी की. यह वह केस है जिसमें एक बेहद सख्त सजा देनी जरूरी है जिससे दूसरे लोग ऐसा अपराध करने से डरें. याचिका में मेरिट नहीं हैं. खारिज करने की सिफ़ारिश करता हूं.”

इस मामले में बाकी तीनों दोषियों अक्षय, पवन और मुकेश ने अभी तक राष्ट्रपति के सामने दया याचिका नहीं लगाई है. एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में ही खुदकुशी कर ली थी जबकि छठा नाबालिक दोषी सजा पूरी करके बाहर आ चुका है.

अनशन पर बैठी दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर निर्भया मामले के दोषियों की दया याचिका खारिज करने और 16 दिसंबर से पहले सभी दोषियों को फांसी की सज़ा देने की अपील की है.

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