EXCLUSIVE | बस्तर में जवानों का कमाल | सुकमा जहां पिछले दस सालों में ढाई सौ से ज्यादा जवानों ने शहादत दी वहां इस साल एक भी जवान शहीद नहीं : पढ़िए पूरी जानकारी

  • गोरिल्ला युद्ध में आगे निकले जवान
  • जवानों ने 23 नक्सलियों को मारा

 देश भर में नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में हमेशा टॉप टेन में नाम दर्ज करवाने और  नक्सल उत्पात के लिए नंबर एक पर रहने वाले नक्सलियों के हार्डकोर इलाके सुकमा जिले में जवानों ने 2019 में कमाल कर दिया है। पिछले दस साल से जिस सुकमा में ढाई सौ से ज्यादा जवान शहीद हुए उसी सुकमा में 2019 में एक भी जवान मारा नहीं गया है। यहीं नहीं यहा नक्सली कोई बड़ी वारदात को अंजाम भी नहीं दे पाए बल्कि उन्हें पूरी तरह से बैकफुट पर जाना पड़ गया है।

जगदलपुर : सुकमा जिले में इस बार जवानों की एक खास बात और रही कि जवानों ने नक्सलियों को उनके अंदाज में ही मुहतोड़ जवाब दिया। अभी तक नक्सली जवानों को गोरिल्ला युद्ध में फंसा कर मारते थे लेकिन 2019 में जवानों ने नक्सलियों के इस युद्ध कला का उपयोग उन्हीं पर कर करीब 32 मुठभेड़ों में 23 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। इन 32 मुठभेड़ों में सिर्फ छह जवानों को मामूली चोटें लगी। वहीं जवानों ने 34 हथियार भी बरामद किये इनमें एक पाकिस्तानी मेड जी-5 गन भी शामिल है।

आई. जी. पी सुंदरराज ने बताया कि सुकमा में हमे इस बार सबसे कम नुकसान हुआ है। यहां जवानों ने अपेक्षा से कई गुना ज्यादा रिजल्ट दिया है। यहां पर जवान नक्सलियों के माइंड गेम से एक दम आगे रहे इसलिए उन्हें कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ा।

32 में 25 एनकाउंटर में जवानों ने घेरा नक्सलियों को – सात सरप्राईज मुठभेड़े रही जवानों के लिए

साल 2019 में पुलिस और नक्सलियों के बीच करीब 32 मुठभेड़े हुई इनमें से 25 मुठभेड़ तो जवानों के द्वारा नक्सलियों को घेरने के बाद हुई। दरअसल जंगलों से नक्सलियों की सूचना  वाले हर इनपुट को लेकर बड़ी ही सावधानियां बरती गई। पहले जवान नक्सली हलचल की सूचना मिलते ही सीधे ऑपरेशन के लिए निकल जाते थे लेकिन 2019 में हर सूचना के बाद नक्सलियों को घेरने और उनके एनकाउंटर के लिए प्लानिंग की गई। जवान जंगलों में कई-कई दिनों तक नक्सलियों का इंतजार करते बैठे रहे और जब भी मौका मिला तो नक्सलियों का एनकाउंटर किया। इसके अलावा सात ऐसे मौके भी आये जब नक्सलियों ने जवानों को सरप्राईज देकर उनपर हमला कर दिया लेकिन वो जवानों को नुकसान नहीं पहुंचा पाए। बताया जा रहा है कि सुकमा में तैनात डीआरजी के जवानों के अलावा एसटीएफ के जवानों को गोरिल्ला युद्ध की जो विशेष ट्रेनिंग दी गई है उसका फायदा जवानों को फील्ड में मिल रहा है।

अब तक की सबसे वारदात इसी जिले के ताड़मेटला में

बस्तर में नक्सलियों की ओर से की गई सबसे बड़ी घटना इसी जिले के ताड़मेटला में हुई थी यहां नक्सलियों ने 76 जवानों को एक साथ मार डाला था। बस्तर के इतिहास और सीआरपीएफ पर हुए अब तक यह सबसे बड़ा हमला था। इस हमले के बाद पूरे देश में सुकमा की छवि धुर नक्सल प्रभावित इलाके वाली हो गई थी और इसी साल नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में सुकमा नंबर एक पर आ गया था लेकिन अब यहा के हालात बदले है जिसके बाद जवान नक्सलियों पर भारी हो चुके हैं।

News Share
CIN News | Bharat timeline 2023