बेमौसम बारिश से लाखों टन धान खराब होने की सम्भावना ; खाद्य मंत्री बोले कोई नुकसान होगा तो सम्बंधित अधिकारीयों पर निश्चित रूप से कार्यवाही होगी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पीछले दो दिनों से हो रही बेमौसम बारिश में लाखों टन धान खराब होने की सम्भावना जताई जा रही है. समितियों के पास रख-रखाव के पुख्ता इन्तेजाम न होना इसका प्रमुख कारण है. प्रदेश में अब तक पिछले 20 सालों में धान के ख़राब होने का आंकड़ा चौकाने वाला है. बताया जा रहा है की पिछले 20 सालों में प्रदेश को 10 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान धान के बमौसम भीगने के कारण हुआ है. एक मीडिया रिपोर्ट के दावे के मुताबिक यह नुकसान धान को रखने के लिए सरकार के पास सही व्यवस्था नहीं होने के कारण हुआ है.

10 हज़ार  करोड़ रुपये के धान के भीगने के पीछे पूर्ववत भाजपा एवं वर्तमान में कांग्रेस सरकार दोनों को बराबर ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है. दोनों ही सरकारों ने रखरखाव के पुख्ता इंतज़ाम नहीं किये.  एक और जहाँ कांग्रेस की सरकार धान के मुद्दे को लेकर सत्ता में आई है एवं 15 वर्षों का वनवास इसी मुद्दे को लेकर टुटा, फिर भी इतने बड़े नुकसान के आंकड़े पर ध्यान केन्द्रित न कर पाना बड़ी चुक है.

प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इस मुद्दे पर CIN से बातचीत में कहा कि मेरी जानकारी में अभी तक नहीं है की कोई नुकसान हुआ है. धान खरीदी के वक्त चेकलिस्ट तैयार की जाती है जिसमे सभी चीज़ों का ध्यान रखा जाता है. अगर बमौसम बारिश हुई तो उससे कोई नुकसान न हो ये बात भी उस चेकलिस्ट में शामिल होती है. इसके अलावा भी मैंने सम्बंधित अधिकारीयों को इस हेतु निर्देशित किया था की कोई नुकसान न हो लेकिन फिर भी कही कोई नुक्सान होगा तो सम्बंधित अधिकारीयों पर निश्चित रूप से कार्यवाही होगी.

इस मुद्दे पर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने मीडिया से कहा की ये सही है की धान खराब हो सकता है. बारिश से बचने कई इंतज़ाम किये गए है. लेकिन इतनी बड़ी मात्र में सेड बना पाना अभी संभव नहीं है. पूरी कोशिश की जाएगी की नुकसान कम से कम हो.

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