Shraddha Walker Case | श्रद्धा वॉकर के मर्डर की वजह बनी आफताब की सनक, हत्याकांड वाले दिन की पूरी कहानी

नई दिल्ली: श्रद्धा वॉकर हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में श्रद्धा वालकर की हत्या के लिए अफताब की सनक को जिम्मेदार बताया है। पुलिस ने चार्जशीट में लिखा है कि अफताब को श्रद्धा का किसी से मिलना और बात करना पंसद नहीं था। अगर वह किसी लड़के से बात करती थी, तो अफताब उसकी बेल्ट और डंडे से पिटाई करता था। जिसके चलते श्रद्धा ने अपने मुंबई और आफिस के दोस्तों से बात करनी बंद कर दी थी।

चार्जशीट के अनुसार हत्या वाले दिन श्रद्धा गुरुग्राम में अपने एक दोस्त से मिलकर आई थी। उसका पीछा करने पर अफताब को यह बात पता चल गई थी। अफताब इस पर आपे से बाहर हो गया और श्रद्धा के आने पर उसकी जमकर पिटाई की। पिटाई के दौरान ही अफताब ने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी।  

श्रद्धा की जासूसी तक करने लगा था अफताब

श्रद्धा को लेकर अफताब की सनक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह उसकी जासूसी करने लगा था। अफताब रोज श्रद्धा के मोबाइल, लैपटॉप चैक करता था। इसके अलावा श्रद्धा सोशल मीडिया अकाउंट से किस किस से बात करती हैं। इसकी जानकारी भी अफताब रखता था। अफताब ने श्रद्धा के मुंबई और आफिस में जितने भी पुरुष दोस्त थे, उन सभी के नम्बर अपने पास रखे थे। यहीं कारण था कि अफताब श्रद्धा को अकेले घर से बाहर नहीं जाने देता था।

हत्याकांड ववाले दिन क्या क्या हुआ था

पुलिस के अनुसार वारदात वाले दिन जिस दोस्त से श्रद्धा मिलने गई थी, उसकी दोस्ती बम्बल ऐप के जरिए हुई थी। दोनों में कई माह से बातें होती थी। युवक गुरुग्राम निवासी है। दोस्ती होने के बाद श्रद्धा उससे मिलने गई थी। श्रद्धा ने इसके बारे में अफताब को नहीं बताया था। श्रद्धा जब उससे मिलकर लौटी तो अफताब घर में मौजूद था। उसने इस युवक के बारे में पूछताछ शुरू कर दी। दोनों में झगड़ा शुरू हुआ और झगड़े के दौरान अफताब ने श्रद्धा का गला दबा कर हत्या कर दी।  

बद्री पर भी था शक

अफताब को पता चला था कि श्रद्धा का बद्री नाम का भी एक दोस्त था। जिसके बारे में श्रद्धा ने उसे बताया नहीं था। श्रद्धा के फोन और लैपटॉप की जांच करने पर आफताब को बद्री के बारे में पता चला था। अफताब को शक था कि श्रद्धा का बद्री से प्रेम प्रसंग चल रहा है। श्रद्धा कई बार अफताब के सामने इस बात को लेकर सफाई दे चुकी थी। इसके बावजूद अफताब अक्सर श्रद्धा को नशे में बद्री का नाम लेकर पिटाई करता था।

दो माह तक लगातार मुम्बई पुलिस को चकमा देता आ रहा था आरोपी

आफताब पूनावाला करीब दो माह से मुम्बई पुलिस को चकमा दे रहा था लेकिन श्रद्धा के फोन की लोकेशन और बैंक खाते ने हत्या का राज खोल दिया और आफताब को गुनाह कबूल करना पड़ा। दरअसल, 18 मई के बाद से श्रद्धा का अपने दोस्त लक्ष्मण से कोई सम्पर्क नहीं था। इस पर लक्ष्मण ने श्रद्धा के पिता विकास वाल्कर को अनहोनी की आशंका जताते हुए इसकी सूचना दी। पहले तो परिजनों ने श्रद्धा की तलाश के लिए पुलिस से सम्पर्क नहीं किया।

लेकिन श्रद्धा का पता नहीं चलने पर सितम्बर में विकास ने मुम्बई के मानिक नगर थाने में आफताब पर बेटी के अपहरण का आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी। मुम्बई पुलिस ने आफताब को पूछताछ के लिए बुलाया लेकिन आफताब ने इस मौके का इस्तेमाल श्रद्धा के सामान को समुद्र में फेंकने के लिए किया। वह करीब दो माह तक लगातार मुम्बई पुलिस को चकमा देता आ रहा था। 

मोबाइल फोन लोकेशन और बैंक खाते से खुला था हत्या का राज

विकास वाल्कर के लगातार दबाव पर मुम्बई पुलिस शिकायत लेकर आठ नवम्बर को महरौली थाने पहुंच गई। महरौली पुलिस ने अपहरण की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। जब आफताब को पूछताछ के लिए बुलाया तो वह पहले से तय कहानी बताता रहा। आफताब के अनुसार श्रद्धा 18 मई को लड़ाई करने के बाद फ्लैट छोड़कर चली गई थी।

दोनों का उसके बाद कोई सम्पर्क नहीं हुआ है। लेकिन महरौली पुलिस ने श्रद्धा के मोबाइल की लोकेशन की जांच की तो वह 30 मई तक छतरपुर इलाके में पाया गया। फिर श्रद्धा के बैंक खाते से आफताब के बैंक खाते में रुपए भी जमा हुए थे। अगर श्रद्धा से विवाद हुआ था तब रुपए कैसे जमा हुए।

इस पर इन सब सबूतों के आधार पर आफताब से पूछताछ हुई तो वह टूट गया। उसने 12 नवम्बर को पुलिस के सामने हत्या के बाद शव के टुकड़े करने की बात को स्वीकार कर लिया। फिर पुलिस ने हत्या एवं सबूत मिटाने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया।

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