जयपुर: राजस्थान प्रशासनिक सेवा आयोग ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस)-2018 में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों के अंक मंगलवार को जारी किए। आरएएस परीक्षा के टॉप-20 की सूची में झुंझुनूं की मुक्ता राव को सबसे अधिक 526 अंक मिले हैं। दूसरे नंबर पर जयपुर की शिवाक्षी को 520.75 अंक प्राप्त हुए हैं।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की पुत्रवधू के भाई गौरव और बहन प्रभा भी आरएएस बने हैं। आएएस के नंबर जारी किए जाने के बाद टॉपर्स से अधिक डोटासरा की पुत्रवधू के भाई गौरव और बहन प्रभा के नंबरों की सोशल मीडिया पर चर्चा है। इन दोनों को इंटरव्यू में 80 फीसदी अंक मिले हैं। इसके बाद से शिक्षा मंत्री सवालों के घेरे में आ गए हैं।
संयोग की बात ये भी है कि शिक्षा मंत्री डोटासरा की पुत्रवधू प्रतिभा ने वर्ष 2016 में आरएएस की परीक्षा पास की थी। आरएएस के इंटरव्यू में पुत्रवधू प्रतिभा को भी 80 फीसदी अंक मिले। यह साेशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में प्रतिभा के भाई और बहनों के अंकों को उनके अंकों से जोड़कर देखा जा रहा है।
शिक्षा मंत्री राजनीति गलियारों और सोशल मीडिया पर सवालों के घेरे में हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि 2016 में बहू के भी इंटरव्यू में 80 फीसदी नंबर थे और अब पुत्रवधू के भाई-बहनों के भी इतने ही अंक हैं। आखिर कैसा संयोग है?
इसका जवाब देते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 300 से ज्यादा लोगों के नंबर 75 से 80 फीसदी के बीच है। उन्होंने कहा, ‘मेरी पुत्रवधू प्रतिभा से तो रिश्ता ही परीक्षा के बाद जुड़ा था।’
उन्होंने कहा कि बहू प्रतिभा के भाई गौरव का तो दिल्ली पुलिस में भी एएसआई के पद पर चयन हो चुका है। यदि बच्चे टैलेंटेड हैं, तो फिर इसमें मेरा क्या दोष है? डोटासरा ने कहा कि राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) प्रतिभा आधारित परीक्षा है। इसमें कोई घालमेल नहीं है। अंक मुद्दा नहीं होना चाहिए। यह सोशल मीडिया का प्रचार है, पारिवारिक संबंधों के कारण किसी को अंक नहीं मिलते हैं।
बता दें कि अभी हाल ही में एसीबी की ओर से आरपीएससी व आरएएस परीक्षा 2018 में घूसखाेरी का खुलासा किया गया है। पकड़े गए आराेपी कनिष्ठ लेखाकार सज्जन सिंह और आरपीएसपी मेंबर राजकुमारी गुर्जर के भाई के टाेल नाके के सुपरवाइजर नरेंद्र पाेसवाल के बारे में तफ्तीश में यह सामने आया है कि वे अभ्यर्थियाें काे इंटरव्यू में अच्छे नंबर दिलाने और सफल कराने के बदले में 25 लाख रुपये घूस की डिमांड करते थे।