Kanjhawala Case | अंजलि हत्याकांड में एक और सनसनीखेज खुलासा, छः महीने पहले भी हो चुकी है हत्या की कोशिश

नई दिल्ली: दिल्ली के कंझावला में हादसे का शिकार हुई अंजलि की मौत के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अंजलि की बहन और मौसी ने मीडिया को बताया कि करीब छह महीने पहले भी अंजलि को मारने की कोशिश की गई थी। किसी अज्ञात वाहन ने उसकी स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी थी। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसके सिर में चोट लगी थी। परिवार वालों ने आशंका जताई कि यह उसे मारने की पहली कोशिश हो सकती है। इस हादसे में अंजलि की जान बच गई थी। वह करीब 15 दिन तक अस्पताल में रही।

उधर, कंझावला कांड के छठवें दिन दिल्ली पुलिस एक बार फिर नए तथ्य लेकर आई है। अभी तक हादसे के वक्त कार में पांच लोगों के मौजूद हाेने की बात करने वाली पुलिस ने शुक्रवार बताया कि मौके पर चार लोग थे, जबकि पांचवां आरोपी अपने घर में मौजूद था।

वहीं, बृहस्पतिवार रात पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी से गिरफ्तार हुए कार मालिक आशुतोष को अदालत में पेश कर तीन दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया है। नाटकीय घटनाक्रम में शुक्रवार शाम सातवें आरोपी अंकुश ने भी सुल्तानपुरी थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया है। उधर, जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने निधि पूछताछ के लिए बुलाया।

सुल्तापुरी में 20 वर्षीय अंजलि को बलेनो कार से कई किलोमीटर तक घसीटकर मार डालने की घटना में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। जांच में पता चला है कि घटना के समय कार में चार आरोपी ही मौजूद थे।

पुलिस को गुमराह करने के लिए ग्रामीण सेवा चालक दीपक खन्ना ने कहा था कि वह कार चला रहा था। जबकि जांच में पता चला कि कार को अमित चला रहा था। हादसे के समय वह अपने घर में मौजूद था। उसके बाद पुलिस ने खुलासा किया कि चार आरोपी ही घटना के समय कार में मौजूद थे और कार को अमित चला रहा था।

पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि आरोपी कार से अंजलि को घसीटने के दौरान ही पूरी घटना को आशुतोष और अंंकुश को बताया था। अंकुश को पता था कि उसके भाई अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। इसलिए उसने कहा था कि जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस है वही पुलिस को बताए कि हादसे के समय गाड़ी वह चला रहा था।

एक जनवरी तड़के जब अंजलि का शव जोंटी गांव में कार से अलग हुआ तो वह सबसे पहले आशुतोष के घर कार छोड़ने के लिए गए। वहां पर दीपक और आशुतोष ने पहले से उन्हें भगाने के लिए ऑटो का व्यवस्था कर दिया था। आरोपी कार छोड़ कर ऑटो से दीपक के घर गए। यहां पर सभी ने तय किया कि पुलिस को कौन क्या बताएगा।

उसके बाद पुलिस ने कार मालिक आशुतोष और अंकुश के खिलाफ पुलिस को गुमराह करने और साक्ष्य छिपाने का मामला दर्ज कर लिया। बृहस्पतिवार देर रात पुलिस ने आशुतोष को पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शुक्रवार को उसे अदालत में पेश करने के बाद तीन दिन के रिमांड पर ले लिया है और उससे पूछताछ कर रही है।

शुक्रवार सुबह पुलिस ने घटना की चश्मदीद को पूछताछ के लिए थाने बुलाया था। उससे करीब तीन घंटे तक पूछताछ की गई। पुलिस ने उससे पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी हासिल की। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उससे आरोपियों की पहचान करवाने की कोशिश भी की गई। इसके अलावा पुलिस ने अंजलि के साथ पार्टी में मौजूद सात लड़कों से पूछताछ की।

अंजलि के एक दोस्त ने पूछताछ में बताया कि उस रात अंजलि की उससे नहीं बल्कि निधि से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। वहीं, देर शाम मामले के सातवें आरोपी अंकुश ने सुल्तानपुरी थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। जिसे पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है।

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