Business Icon | दो रूपये के पाउच से बनाया करोड़ों का कारोबार, इस बिजनेस टाइकून ने साबित किया “सपनों का पीछा करो तो वह सच होते हैं”

नई दिल्ली: 15000 जैसी मामूली रकम से बिजनेस शुरू करने वाले इस शख्स ने एफएमसीजी के सारे नियमों को बदल कर रख दिया। आज इनका सालाना टर्न ओवर 1100 करोड़ रूपये है। सफलता मिली लेकिन संघर्ष और कड़ी मेहनत से ये कभी पीछे नहीं हटे। आज इन्हें बिजनेस टाइकून कहा जाता है।

पालतू जानवरों को बेच कर शुरू किया कारोबार
हम जिनकी बात कर रहे हैं वो हैं केविन केयर के सीईओर सी रंगनाथन। तमिलनाडू के छोटे शहर कड्डलोर में गरीब परिवार में इनका जन्म हुआ। प्राथमिक शिक्षा पिता से प्राप्त की। चूंकि रंगनाथन पढ़ाई में कमजोर थे इसलिए पिता चाहते थे कि वह खेती या बिजनेस में अपना हाथ आजमाए। रंगनाथन पक्षी और पशु पालने के शौकीन थे। पांचवी कक्षा में पढ़ते हुए ही उनके पास 500 कबूतर, मछलियां और पक्षी थे। पिता की मृत्यु के समय वह काॅलेज में पढ़ रहे थे। जब घर चलाने की जिम्मेदारी आयी तो रंगनाथन ने जानवरों को बेचकर शैम्पू बनाने का अपना छोटा कारोबार शुरू किया।

2 रूपये के शैम्पू पाउच ने बदली किस्मत
शुरूआती दिनों में कारोबार ठप्प रहा। जिससे निराश होकर वह अपने भाई के साथ वेलवेट शैम्पू के कारोबार मंे लिप्त हो गए। जब यहां उनका काम में मन लगा तो उन्हांेने एक बार फिर अपना कारोबार जमाने की सोची और इस तरह चिक इंडिया की शुरूआत हुई। शैम्पू बनाने से इस कंपनी की शुरूआत हुई थी और पहले उसकी खपत छोटे गांव और शहरों में हुई। चूंकि गांव के लोग महंगा शैम्पू बाॅटल नहीं खरीद सकते थे इसलिए उन्होंने शैम्पू का पाउच बनाया और उसकी कीमत 2 रूपये रखी। कम पैसे और बेहतरीन प्रोडक्ट के जरिए कम समय में ही लोगों के दिलों में वह राज करने लगे। जल्द ही कंपनी का नाम बदलकर केविनकेयर रख दिया और साथ ही साथ उसमें सौन्दर्य प्रसाधनों को भी बनाने लगे।

सफलता मिली तो पीछे मुड़कर नहीं देखा
रंगनाथन इत्र की ओर भी आकर्षित हुए, उन्होंने गुलाब और चमेली के खुशबू वाले इत्र के पाउच लाॅन्च किए। उनके 35 लाख पाउच रोज इत्र की बिक्री हुई और कंपनी को बेहद फायदा हुआ। आपको बता दें कि क्लीनिक प्लस के बाद चिक शैम्पू देश का दूसरा बड़ा ब्रांड है। उसके बाद रंगनाथन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अचार के पाउच, नाइल हर्बल शेम्पू, मीरा हेयर वाश पाउडर, फॉरएवर क्रीम और इंडिका हेयर कलरिंग ऐसे बहुत सारे ब्रांड वे मार्केट में लेकर आए और बेहद सफल रहे।

सपनों का पीछा करो तो सच होते हैं
बेहद साधारण जीवन जीने वाले रंगनाथन रोज सुबह 5. 30 बजे उठ जाते हैं, आधे घंटे तक तैराकी करते हैं। उनकी सफलता प्रेरणादायक है। उनका कहना है कि कोई भी आइडिया छोटा या बड़ा नहीं होता, बस मंजिल तक पहुँचने की ललक आपके भीतर हो। यदि दृढ़ इच्छशक्ति के साथ सपनों का पीछा किया जाए तो फिर सफल होने से आपको कोई नहीं रोक सकता।

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