CAA Protest: देश के कई राज्यों में उग्र हुआ प्रदर्शन, हिंसा भड़की, डिटेल में पढ़ें कहां क्या रहे हालात

नई दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में शुरू हुए प्रदर्शन की उग्रता थमती नजर नहीं आ रही है। उप्र में पूरे राज्य में 9 नवंबर से ही धारा 144 के तहत के जारी निषेधाज्ञा और गुरुवार को लखनऊ समेत अन्य शहरों में हुई हिंसा के बाद उठाए गए तमाम एहतियाती उपायों के बावजूद कई अन्य शहरों में हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शनकारियों ने जमकर पथराव और आगजनी की। पुलिस को हालात काबू में करने के लिए कड़ी मशक्कत करना पड़ी।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी जामा मस्जिद, जामिया तथा सीलमपुर क्षेत्र में भी उग्र प्रदर्शन हुए। सीमापुरी में पथराव में शाहदरा के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजबीर सिंह को सिर में चोट आई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं, गुरुवार को शांत रहे महाराष्ट्र के भी नांदेड़, हिंगोली और बीड़ जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों को निशाना बनाया।

उप्र : कई जिलों में इंटरनेट बंद

लखनऊ और अलीगढ़ में अमूमन शांति बनी रही लेकिन फिरोजाबाद, गोरखपुर, भदोही, बहराइच तथा संभल व अन्य शहरों में शुक्रवार की नमाज के बाद निकाले गए मार्च को रोकने जाने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिए। पुलिस को उनसे निपटने के लिए लाठीचार्ज तथा आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गईं।

दिल्ली : सीलमपुर, सीमापुरी और जामिया क्षेत्र में प्रदर्शन

उत्तर-पूर्व दिल्ली के सीलमपुर इलाके में निषेधाज्ञा के बावजूद शुक्रवार की नमाज के बाद नए सिरे से प्रदर्शन हुआ। इसके पहले पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने सीलमपुर तथा सुंदर नगरी में फ्लैग मार्च किया था।जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाहर भी लगातार पांचवें दिन प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन में यूनिवर्सिटी के छात्र, स्थानीय लोग तथा बच्चे भी शामिल हुए। इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सात सदस्यीय टीम ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस के प्रवेश की जांच के संबंध में दौरा किया।जबकि जामा मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने भी जंतर मंतर तक रैली निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली गेट के पास रोक दिया। प्रदशर्नकारियों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर लिखा था- ‘यहीं जन्मे, यहीं मरेंगे।” प्रदर्शन में भीम सेना के नेता चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व में उसके कार्यकर्ता भी शामिल हुए। पुलिस द्वारा आजाद को हिरासत में लेने की खबर आई, लेकिन वह वहां से निकल गए। बाद में दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी एमएस रंधावा ने आजाद को हिरासत में लिए जाने से ही इनकार किया। जगह-जगह प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों के निर्देश पर दिल्ली मेट्रो ने दस स्टेशनों को बंद रखा।

महाराष्ट्र : परभणी में दमकल की गाड़ी पर पथराव

नागरिकता संशोधन कानून का विरोध शुक्रवार को महाराष्ट्र में भी हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बीड़, नांदेड़ तथा परभणी जिलों में सरकारी बसों पर पथराव किए। परभणी में वसमत रोड पर दमकल की गाड़ी पर भी पथराव किए गए। हालांकि इन घटनाओं में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। पुलिस ने पथराव कर रही भीड़ को जैसे-तैसे तितर-बितर कर हालात को काबू में किया। पुलिस ने टि्वटर के जरिए भी लोगों से ‘दुर्भावनापूर्ण और फर्जी” संदेशों पर विश्वास नहीं करने तथा अफवाह नहीं फैलाने की अपील की है।

एक नजर :

  • – नागरिकता कानून पर उप्र समेत कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन बदस्तूर जारी
  • -तमात एहतियातों के बावजूद उप्र के कई शहरों में पथराव, हिंसा
  • -दिल्ली के जामिया, सीलमपुर व जामा मस्जिद में इलाके में भी प्रदर्शन
  • -पथराव में अतिरिक्त डीसीपी चोटिल, मेट्रो के दस स्टेशन रहे बंद
  • -मानवाधिकार आयोग के दल ने किया जामिया का दौरा
  • -महाराष्ट्र के भी कई शहरों में बसों पर पथराव
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