आखिर लालकिला में इतनी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आंदोलनकारी घुसे कैसे? केंद्र सरकार की नीति और नियत पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने सवाल पूछा है कि आखिर लालकिला में इतनी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आंदोलनकारी घुसे कैसे? केंद्र सरकार की नीति और नियत पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
दंतेवाड़ा रवानगी से पहले मुख्यमंत्री बघेल ने हेलीपैड पर पत्रकारों से की चर्चा में आंदोलन में डटे किसानों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक काल की दूरी पर होने की बात पर कहा कि जब भी सरकार बात करने के लिए आमंत्रित करती हैं किसानों के प्रतिनिधि जाकर घंटों बात कर रहे हैं. तो किसानों की तरफ से कोई गतिरोध तो नहीं है. उनकी एक ही मांग है कि तीन काले कानून को वापस लिया जाए. ढाई महीने होने वाले हैं, उसके बाद भी भारत सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. किसान आंदोलन को कितने प्रकार से बदनाम करने की कोशिश की गई है. कभी आतंकवादी, पाकिस्तानी समर्थक, कभी चीनी समर्थक, कभी खालिस्तानी समर्थक.
उन्होंने कहा कि मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा है कि 26 जनवरी के इंसीडेंट से देश सदमे में है, और जो लोग आंदोलन में शामिल हुए थे, वह किसान नहीं उपद्रवी थे? उपद्रवी थे तो उन्हें पकड़ना चाहिए था. दिल्ली पुलिस भारत सरकार के अधीन है. आखिर लाल किला में कोई आदमी कैसे घुसा. इसे पर तो प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए. दीप सिद्धू कौन हैं? प्रधानमंत्री के साथ फोटो में दिख रहा है. गृह मंत्री के साथ फोटो दिख रहा है और उसके प्रत्याशी के उपचुनाव के एजेंट थे, तो फिर पकड़ा क्यों नहीं जा रहा है? सवाल तो यही है कि इस प्रकार से देश के तिरंगे के साथ षड्यंत्र करके आंदोलनकारियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. यह दुर्भाग्य जनक है.