CORONA EFFECT | एक दिन में 56 शवों का अंतिम संस्कार, शमशान घाट और कब्रिस्तान में लगी लंबी कतार, लकड़ियां भी नहीं मिल रही

भोपाल: मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना से होने वाली मौतों के चलते राजधानी भोपाल में अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट और कब्रिस्तानों में जगह की कमी के कारण लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। यहां शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ियों की कमी की भी बात सामने आ रही है। राजधानी में शनिवार को 56 कोरोना संक्रमित शव विश्राम घाट और कब्रिस्तान पहुंचे। कोरोना से मरने के बाद विश्राम घाट और कब्रिस्तान पहुंचे शवों की यह अब तक की सबसे अधिक संख्या है। 

बढ़ती जा रही अंतिम संस्कार के लिए आए शवों की संख्या
ऐसी स्थिति पहली बार बनी कि रात आठ बजे विश्राम घाट प्रबंधकों को नगर निगम और अस्पतालों से कहना पड़ा कि अब शवों को न भेजें। भदभदा विश्राम घाट में शनिवार को कोरोना संक्रमितों के 34 शव पहुंचे। इसके अलावा सुभाषनगर विश्राम घाट में 16 जबकि झदा कब्रिस्तान में छह शवों को दफनाया गया।  वहीं, शुक्रवार की बात करें तो रात नौ बजे तक भदभदा विश्राम घाट में अंतिम संस्कार के लिए आए 41 में से 29 शव कोरोना से मरने वाले लोगों के थे। इसी तरह सुभाष नगर में 26 दाह संस्कार किए गए, जिनमें से आठ लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई थी। इसके अलावा जहांगीराबाद स्थित कब्रिस्तान में पांच लोग सुपुर्दे खाक किए गए। इनमें से चार लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई।

दाह संस्कार के लिए स्टॉक में बची केवल 550 क्विंटल लकड़ी
गौरतलब है कि शुक्रवार को 41 कोरोना संक्रमित शव विश्राम घाट और कब्रिस्तान में पहुंचे थे। एक शव को तो कुछ लोग कार में लेकर आए थे। भदभदा विश्राम घाट में पिछले दो दिनों में 97 शवों का दाह संस्कार होने से यहां लकड़ियां कम पड़ गई थीं। ऐसे में विश्राम घाट प्रबंधन ने एक प्राइवेट वेंडर से 250 क्विंटल लकड़ी खरीदी। इतनी ही लकड़ियां वन विभाग ने भी पहुंचाईं। फिलहाल दाह संस्कार के लिए विश्राम घाट प्रबंधन के पास 550 क्विंटल लकड़ियों का स्टॉक है, जिसमें से शनिवार को 160 क्विंटल इस्तेमाल हो गईं।

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