कोरोना वैक्सीन कैसे लगेगी, पीएम मोदी ने हर स्टेप को बताया, कहा- संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सर्तकता जरूरी

नई दिल्ली। देश में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा और वैक्सीन की रणनीति को लेकर मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य प्रतिनिधियों संग डिजिटल माध्यम से बैठक की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से 1000 और आईसीयू बेड की मांग की। वहीं, लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत कोरोना मृत्यु दर और रिकवरी रेट के मामले में दुनियाभर में बेहतर स्थिति में है। 

कोरोना टीकों का विकास अंतिम चरण में
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना टीकों का विकास अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर अंतिम चरण में है। हालांकि, अभी भी हमारे पास कुछ सवालों के निश्चित उत्तर नहीं हैं। हालांकि, हम सभी संभावनाओं के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अंतिम रोल आउट निर्णय राज्यों के परामर्श से लिया जाएगा।

कोरोना वैक्सीन से जुड़ा अभियान, नेशनल कमिटमेंट
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना वैक्सीन से जुड़ा भारत का अभियान अपने हर देशवासी के लिए एक तरह से नेशनल कमिटमेंट की तरह है। देश में इतना बड़ा टीकाकरण अभियान स्मूद हो, सिस्टमैटिक और सही प्रकार से चलने वाला हो, ये केंद्र और राज्य सरकार सभी की जिम्मेदारी है।

वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर लगाई जाएगी
प्रधानमंत्री ने कहा, वैक्सीन प्राथमिकता के आधार पर किसे लगाई जाएगी, ये भी राज्यों के साथ मिलकर तय किया जाएगा। हर राज्य के सुझाव का इसमें बहुत महत्व होगा। क्योंकि आखिरकार उनको अंदाजा है कि उनके राज्यों में ये कैसे होगा।

भारत की वैक्सीन हर वैज्ञानिक कसौटी पर उतरेगी खरी
पीएम मोदी ने कहा, भारत जो भी वैक्सीन अपने नागरिकों को देगा, वो हर वैज्ञानिक कसौटी पर खरी होगी। जहां तक वैक्सीन के वितरण की बात है, तो उसकी तैयारी भी आप सभी राज्यों के साथ मिलकर की जा रही है। उन्होंने कहा, राज्यों को अब कोल्ड स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए पूर्ण प्रवाह में काम करना चाहिए। हम जल्द ही राज्य सरकार के साथ चर्चा में एक विस्तृत योजना तय करेंगे। राज्य, जिले और यहां तक कि ब्लॉक स्तरों पर कार्य बलों को शुरू करने की आवश्यकता है।

भारत के पास वैक्सीन को लेकर दुनिया से बेहतर अनुभव
प्रधानमंत्री ने कहा, वैक्सीन को लेकर भारत के पास जैसा अनुभव है, वो दुनिया के बड़े बड़े देशों के पास भी नहीं है। हमारे लिए जितनी जरूरी स्पीड है, उतनी ही सुरक्षा भी है। उन्होंने कहा, कोरोना की लड़ाई की शुरुआत से ही हमने एक-एक देशवासी का जीवन बचाने को प्राथमिकता दी है। अब वैक्सीन आने के बाद भी हमारी प्राथमिकता होगी कि सभी तक वैक्सीन पहुंचे।

वैक्सीन को लेकर काम जारी है
पीएम मोदी ने कहा, हम सभी को पहले से भी अधिक जागरूक रहने की जरुरत है। हमें ट्रांसमिशन को कम करने के लिए आने प्रयासों को और गति देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, हमारी टीम टीके के संबंध में भारतीय डेवलपर्स और निर्माताओं के साथ लगातार काम कर रही है। हम वैश्विक नियामकों, अन्य देशों के संस्थानों, बहु-राष्ट्रीय संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ रीयलटाइम संचार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

कोरोना जांच को बढ़ाने पर देना होना जोर
कोरोना जांच को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, आरटी-पीसीआर परीक्षणों की संख्या में वृद्धि होनी चाहिए और अलग-अलग रोगियों की निगरानी के लिए उन्हें बेहतर उपचार सुनिश्चित करना होगा। ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी बेहतर तरीके से सुसज्जित होने चाहिए।

वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाना होगा तेजी से कदम
प्रधानमंत्री ने कहा, हमें वायरस के फैलने को कम करने के अपने प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है। परीक्षण, पुष्टि, संपर्क ट्रेसिंग और डाटा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। हमें सकारात्मकता दर को कम से कम 5 फीसदी तक लाने की जरूरत है।

चैथे स्तर पर लोगों ने बरती लापरवाही
पीएम मोदी ने कहा, चैथे चरण में जब रिकवरी दर में वृद्धि हुई, तो लोगों ने सोचा कि वायरस कमजोर हो गया है और अब प्रभावी नहीं है। इससे इस स्तर पर लापरवाही हुई है। 

कोरोना को लेकर अधिक गंभीर और सतर्क हुए
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, पहले चरण में अपार भय, दूसरे चरण में बहुत संदेह और सामाजिक अलगाव। लेकिन तीसरे चरण में, लोगों ने अब सही कदम उठाना और समझना शुरू कर दिया है। लोग कोरोना के बारे में अधिक गंभीर और सतर्क हो गए।

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