रायपुर : प्रदेश में लगातार हो रही आईटी की छापेमार कार्रवाई से सीएम भूपेश खासे खफा नजर आ रहे हैं. इसकी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कैबिनेट के सदस्यों के साथ राज्यपाल के पास पहुंचे हैं. वहीं ट्वीट कर केन्द्र सरकार पर छत्तीसगढ़ की सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र बताया है.
सीएम भूपेश ने ट्वीट कर कहा है कि-
‘दो दिनों से कथित आयकर छापे के नाम पर छत्तीसगढ़ में दहशत का माहौल है. केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र कर रही है. लगातार हार की ऐसी हताशा?? ये है असली बदलापुर. हमने राज्यपाल को ज्ञापन देकर संरक्षण देने और हस्तक्षेप करने की मांग की है.’
केबिनेट की बैठक में लिया राज्यपाल से मामले की शिकायत का निर्णय
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कैबिनेट के मंत्रियों के साथ आपातकाल बैठक की थी और प्रदेश के मौजूदा हालात पर चर्चा की थी. बैठक के दौरान अधिकारियों के खिलाफ चल रही छापेमारी से राज्य सरकार को दूर रखे जाने और सूचना नहीं दिये जाने पर आपत्ति जताई गई. बैठक में इस बात का फैसला लिया गया कि इसकी शिकायत राज्यपाल से की जायेगी.
राज्य सरकार को नहीं दी गई कोई जानकारी
सरकार को इस बात से आपत्ति है कि पिछले 36 घंटे से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में राज्य सरकार के अधिकारियों व अन्य लोगों के ठिकानों पर छापेमारी चल रही है, लेकिन राज्य सरकार को इन कार्रवाईयों से दूर रखा गया है. ना तो इस कार्रवाई के मद्देनजर सूचना दी गयी है और ना ही इजाजत ली गयी है, यहां तक मीडिया को भी ब्रीफ नहीं किया गया है.
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
इस मसले में मुख्यमंत्री ने पूरे केबिनेट के साथ जाकर राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा है.
बता दें कि पिछले 36 घंटे में मेयर एजाज़ ढेबर, पूर्व चीफ सिकरेट्री विवेक ढांढ, आईएएस अनिल टूटेजा की पत्नी मिनाक्षी टूटेजा, मुख्यंत्री की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया, ओएसडी अरूण मरकाम, आबकारी विभाग के ओएसडी अरूणपति त्रिपाठी जैसे अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी हुई है. इसके अलावा जगदलपुर के नामी कारोबारियों के ठिकानों पर भी दबिश दी गई है. इन छापों के बारे में सरकार को ना तो सूचना दी गयी और ना ही उन्हें विश्वास में लिया गया.