JAGDALPUR | नेशनल लोक अदालत में 98 प्रकरणों का हुआ निराकरण

सोहेल रजा

जगदलपुर: इस वर्ष आयोजित पहले ‘‘नेशनल लोक अदालत’’ में 98 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इनमें 67 लंबित प्रकरण और 31 प्री लिटिगेशन प्रकरण शामिल हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जगदलपुर द्वारा पक्षकारों के मध्य सुलह द्वारा विवादों के समाधान हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशगण की कुल 08 खण्डपीठ, परिवार न्यायालय की 01 खण्डपीठ, स्थायी लोक अदालत की 01 खण्डपीठ एवं श्रम न्यायालय की 01 खण्डपीठ सहित कुल 11 खण्डपीठों का गठन किया गया था ।

शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित 69 प्रकरणों में से 12 प्रकरणों में अंतिम निराकरण करते हुए मोटर दुर्घटना से पीड़ित व्यक्तियों को कुल 51,47,000 रूपये की क्षतिपूर्ति दिये जाने का आदेश दिया गया। जिला न्यायालयों द्वारा आपराधिक प्रकरणों के 21 प्रकरण, व्यवहार वाद के 06 प्रकरणों में 1,66,214 डिक्री प्रदान की गई। धारा 138 नि0ई0एक्ट के 143 प्रकरणों में से 15 प्रकरण, परिवार न्यायालय जगदलपुर द्वारा 45 प्रकरणों में से 06 प्रकरणों जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित 07 प्रकरणों में से 03 प्रकरण एवं श्रम न्यायालय के 11 प्रकरणों में से 04 प्रकरणों का निराकरण किया गया । नेशनल लोक अदालत में कुल 564 लंबित प्रकरणों को चिन्हांकित कर रखा गया था, जिसमें 67 लंबित मामलों का निराकरण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया गया ।

इसी प्रकार प्रमुख बैंकों के 22 प्रकरण, बी.एस.एन.एल. के 08 प्रकरण एवं जलकर देयक के 01 प्रकरणों में 4,54,294 रूपये की समझौता राशि के आधार पर प्रस्तुत प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का अंतिम निराकरण किया गया ।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जगदलपुर के न्यायालय में जमीन पट्टा की बात को लेकर हुए विवाद में पिता-पुत्र का नेशनल लोक अदालत में सुलह

लगभग तीन माह पूर्व जमीन की पट्टा को लेकर हुये विवाद में बकावण्ड निवासी दुरजो राम कश्यप एवं उसके पुत्र नीलम कश्यप के बीच लड़ाई झगड़ा हो गया था । आज पिता-पुत्र दोनों नेशनल लोक अदालत में उपस्थित होकर पीठासीन अधिकारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलराम कुमार देवांगन के न्यायालय में परस्पर राजीनामा किये । पिता-पुत्र के मिलन पर न्यायालय में उपस्थित कर्मचारी एवं अन्य पक्षकारगण भावविभोर हो गये थे ।

दो दोस्तों में शराब पीकर हुई आपस में लड़ाई, नेशनल लोक अदालत में गले मिलकर भुलाई अदावत

कुम्हारपारा निवासी गोलू यादव और आरोपी सुकमन कश्यप दोनों बचपन के मित्र हैं । आज से लगभग एक साल पूर्व दोनों एक साथ बैठकर शराब पीये और नशे के हालत में दोनों लड़ पड़े । आज नेशनल लोक अदालत में प्रार्थी गोलू यादव और आरोपी सुकमन उपस्थित हुये जिस पर पीठासीन अधिकारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलराम कुमार देवांगन ने दोनों पक्ष को समझाया जिस पर दोनों पक्ष भविष्य में कोई विवाद नहीं करने का वचन देते हुये लोक अदालत में परस्पर गले मिलते हुये राजी खुशी राजीनामा किये और दोनों पक्ष साथ-साथ घर गये ।

पुरानी रंजिश को लेकर दो दोस्तों के मध्य हुये मारपीट के मामले में जेल में बंद आरोपी को जेल से बुलाकर लोक अदालत में दोनों के बीच करवाई सुलह

अटल आवास में रहने वाले प्रार्थी उपेन्द्र कश्यप उर्फ खुटी तथा उसके दोस्त आरोपी बलदेव पहले मित्र थे । दोनों मामूली बात पर लड़ पड़े । मामला न्यायालय में विचाराधीन रहा । इस बीच आरोपी बलदेव प्रकरण में अनुपस्थित रहा जिस कारण उसे गिरफ्तार कर केन्द्रीय जेल जगदलपुर भेज दिया गया था । आज नेशनल लोक अदालत में मामले के प्रार्थी उपेन्द्र कश्यप उर्फ खुटी नेशनल लोक अदालत के अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलराम कुमार देवांगन के अदालत में पहूंचकर प्रकरण में राजीनामा करने की इच्छा जाहिर किया । जिस पर जेल से बलदेव को बुलवाया गया और प्रार्थी खुटी से गले मिलवाकर मिलन करवाया गया और राजीनामा के आधार पर आरोपी को दोषमुक्त करते हुये मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलराम कुमार देवांगन द्वारा आरोपी बलदेव को तत्काल जेल से रिहा करने आदेशित किया गया ।

एन.एस.यू.आई. एवं विद्यार्थी परिषद के छात्रों के मध्य हुये लड़ाई में दोनों पक्ष के मध्य नेशनल लोक अदालत में राजीनामा

एन.एस.यू.आई. से जुडे माज लिल्ला 16 जुलाई 2019 को पी.जी. कालेज गया था जहां मयंक नथानी, प्रशांत राय एवं कमल दीवान उसे देखकर गाली गलौच करने लगे जिसे उसने गाली देने से मना किया । तब सभी लोग उसे एन.एस.यु.आई. के संबंध में कोई काम नहीं करते और बेवजह शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन देते रहते हो बोलकर सभी लोग मिलकर प्रार्थी माज लिल्ला को बहुत नेतागिरी करते हो कहकर हाथ मुक्का से मारपीट करने लगे और जान से मारने की धमकी दिये । जिसे वहां पर उपस्थित अन्य छात्रों ने बचाया । इसके बाद प्रार्थी द्वारा कोतवाली थाना में आरोपीगण के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई । मामला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के अदालत में पहूंचा । मामले को आज नेशनल लोक अदालत में रखा गया । जिस पर दोनों पक्ष न्यायालय में पेश हुये और पीठासीन अधिकारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलराम कुमार देवांगन के समक्ष भविष्य में कोई विवाद नहीं करने का वचन देते हुये राजी खुशी से राजीनामा किये ।

शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में अधिवक्तागणों, बैंक अधिकारियों, नगरनिगम, विद्य़ुत विभाग एवं बीएसएनएल के सहयोग एवं पक्षकारों के सहयोग से सफलतापूर्वक प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिन पक्षकारों के प्रकरण किन्हीं कारणों से आयोजित नेशनल लोक अदालत में नहीं रखे जा सके हैं उन पक्षकारों को यह भी सूचित किया जाता है कि आगामी नेशनल लोक अदालत 11 अप्रैल 2020 को प्रस्तावित है। वे अपना प्रकरण आगामी नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह एवं राजीनामा से निराकृत करवा सकते हैं।

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