जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने प्राण त्याग दिए, सम्मेद शिखर को टूरिस्ट प्लेस बनाने के खिलाफ थे

जयपुर: झारखंड में जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को टूरिस्ट प्लेस बनाए जाने का विरोध कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार को प्राण त्याग दिए। वे झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले 10 दिन से आमरण अनशन कर रहे थे।

सुज्ञेयसागर सांगनेर में 25 दिसंबर से आमरण अनशन पर थे। मंगलवार सुबह उनकी डोल यात्रा सांगानेर संघीजी मंदिर से निकाली गई। इस दौरान आचार्य सुनील सागर सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे। जैन मुनि को जयपुर में ही समाधि दी जाएगी।

झारखंड सरकार ने गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ पहाड़ी को टूरिस्ट प्लेस घोषित किया है। इसके खिलाफ देशभर में जैन समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। पारसनाथ पहाड़ी दुनिया भर के जैन धर्मावलंबियों में सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखर के तौर पर प्रसिद्ध है।

अखिल भारतीय जैन बैंकर्स फोरम के अध्यक्ष भागचन्द्र जैन ने बताया कि मुनीश्री ने ने सम्मेद शिखर को बचाने के लिए बलिदान दिया है। वे उससे जुड़े हुए थे। सुज्ञेयसागर महाराज को जयपुर के सांगानेर में श्रमण संस्कृति संस्थान में समाधि दी जाएगी।

News Share
CIN News | Bharat timeline 2023