JUST IN | MP में Floor Test से पहले CM कमलनाथ ने किया इस्तीफे का ऐलान, कहा- BJP ने की लोकतंत्र की हत्या

22 विधायकों के इस्तीफे से अल्पमत में आई मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आखिरकार गिर गई है। शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट (Floor Test) में जाने से पहले ही CM कमलनाथ ने अपने इस्तीफे के घोषणा कर दी। लिहाजा मध्य प्रदेश की राजनीति में अब भाजपा के लिए सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है।

इस दौरान कमलनाथ ने कहा कि भाजपा ने 22 विधायकों को बंधक बनाया। एक महाराज और उनके 22 साथियों के साथ मिलकर भाजपा ने साजिश रची। बीजेपी की ओर से जनता के साथ विश्वासघात किया गया और लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की गई, जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद हमारा उद्देश्य था कि प्रदेश की तकदीर बदले। मैंने हमेशा विकास में विश्वास रखा। मेरा क्या कसूर था। प्रदेश को सही रास्ते में लाने के लिए मुझे जनता ने पांच साल का मौका दिया था। 15 महीने तक हमारी सरकार पर किसी तरह के भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे।

जनता के साथ धोखा करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को 15 साल मिले और मुझे 15 महीने। राज्य की जनता इसकी गवाह है। लेकिन भाजपा हमेशा हमारे खिलाफ साजिश करती रही। फिर भी हमने अपना कार्या जारी रखा। लेकिन अब भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की। 22 विधायकों को प्रलोभन देकर बेंगलुरु में बंधक बनाया गया। करोड़ों रूपये का खेल खेला गया। प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वालों को जनता माफ नहीं करेगी।

विधायकों के इस्तीफे के बाद बदला समीकरण

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कुछ ही घंटों बाद मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के बाकी बचे हुए सभी 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इससे पहले प्रजापति कांग्रेस के छह बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर चुके हैं। इससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई। जबकि इससे पहले कमलनाथ सहित अन्य कांग्रेस नेता दावा कर रहे थे कि यदि बागी विधायकों से मुलाकात करने का मौका दिया जाता है तो वह उन्हें अपने पक्ष में कर लेंगे। लिहाजा खुद दिग्विजय सिंह बेंगलुरु पहुंचे थे, मगर उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा विधानसभा स्पीकर को गुरुवार को फटकार लगाई गई। स्पीकर ने मात्र 6 विधायकों का इस्तीफा स्वीकारा था, जबकि 16 विधायकों का नहीं स्वीकारा था इसपर सुप्रीम कोर्ट खफा हुआ था। मगर देर शाम को विधानसभा स्पीकर ने सभी 16 विधायकों के इस्तीफे को भी स्वीकार कर लिया। बता दें कि कांग्रेस के एक प्रमुख चेहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने के बाद 22 विधायकों ने अपना इस्तीफा दे दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, आज के लिए मध्य प्रदेश विधानसभा की सूची में फ्लोर टेस्ट का उल्लेख किया गया । इसमें दोपहर 2 बजे फ्लोर टेस्ट की कही गई। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र 20 मार्च को दोपहर दो बजे बुलाया गया । यह सत्र शाम पांच बजे तक चलेगा।’ उन्होंने कहा कि यह सत्र सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आज्ञा का पालन करते हुए बुलाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में शुक्रवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि फ्लोर टेस्ट शुक्रवार शाम 5 बजे तक पूरा कर लिया जाना चाहिए। दरअसल, शीर्ष अदालत शिवराज सिंह चौहान और अन्य भाजपा नेताओं द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया था कि राज्य में कांग्रेस सरकार बहुमत खो चुकी है।

News Share
CIN News | Bharat timeline 2023