मां-बाप पढ़ाई के लिए करते थे सख्ती, 11 साल की बच्ची ने व्हॉटसअप पर मांगी 1 करोड़ की रंगदारी

गाजियाबाद: गाजियाबाद के एक इंजीनियर उनकी पत्नी और 11 साल की बेटी के वॉट्सऐप पर अभद्र भाषा के स्टेट्स और एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगते हुए बेटे की हत्या की धमकी मिली। साहिबाबाद थाने में शिकायत के बाद जब जांच साइबर सेल के पास गई तो जो हकीकत सामने आई उसने पुलिस के साथ सबको हैरान कर दिया। पूरे परिवार को धमकी देने वाला कोई बाहरी नहीं बल्कि उनकी 11 साल की बेटी ही थी।

कक्षा 7 में पढ़ने वाली बच्ची पढ़ाई को लेकर माता-पिता की पड़ने वाली डांट से नाराज थी। साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि शुरू में तो इस पर शक नहीं हुआ पर जांच के बाद साफ हो गया कि बच्ची ही ऐसा कर रही थी। पोल खुलने के बाद उसने पैरंट्स को सॉरी बोला और आगे ऐसा नहीं करने की बात कही। जिसके बाद पेरेंट्स ने लिखित में पुलिस से माफी मांगी है।

कोरोना के कारण बाहर नहीं जाने देने से थी नाराज
पूछताछ में सामने आया है कि बच्ची कोरोना काल को लेकर काफी परेशान थी। पैरंट्स ने ऑनलाइन क्लास के लिए उसे नया मोबाइल लेकर दिया था। लॉकडाउन में बाहर नहीं जाने देने पर नाराज होकर उसने अभद्र भाषा का प्रयोग कर अपने नंबर के वॉट्सऐप पर एक स्टेट्स लगा दिया था। पैरंट्स ने उसे देखा तो उसकी डांट लगाई। इस पर उसने मोबाइल हैक होने की बात कही। जिसे उन्होंने मान लिया।

इसके बाद उसने खेल शुरू किया। बच्ची ने पैरंट्स के वॉट्सऐप का एक्सेस वेब ऑप्शन से लैपटॉप पर लिया और उनके मोबाइल पर अभद्र स्टेट्स के साथ परिवार के लोगों को गलत तरीके से मेसेज भेजना शुरू कर दिया, जिस पर पैरंट्स को उनके मोबाइल भी हैक होने की बात लगी।

बेटे को मारने की धमकी देने पर पुलिस के पास गए
वॉट्सऐप स्टेट्स पर अभद्र भाषा व 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने तक तो परिवार तनावग्रस्त था लेकिन जब नहीं देने पर 7 साल के बेटे की हत्या तक की बात लिखी तो परिवार के लोग डर गए। इसके बाद परिवार ने इस मामले में साहिबाबाद थाने में शिकायत दी।

साइबर सेल ने फोन फॉर्मेट किए तो धमकी भरा लेटर भेजा
इस मामले में मामला साइबर सेल को मिलने के बाद टीम ने पैरंट्स और बच्ची के मोबाइल को फॉर्मेट कर उसके पासवर्ड भी बदल दिए। इसके बाद बच्ची ने वॉट्सऐप का प्रयोग नहीं किया और एक पेपर पर किल लिखकर गेट से अंदर डाल दिया।

लेकिन इस दौरान परिवार की तरफ हाल ही में लगवाए गए सीसीटीवी में वह ऐसा करते हुए पकड़ी गई। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने पहले पड़ोस के युवक, मौसी समेत कई लोगों के कहने पर ऐसा करने की बात कही। हालांकि बाद में उसने सच बताया और पढ़ाई के लिए पड़ने वाली डांट और लॉकडाउन में घर से बाहर नहीं जाने देने के कारण ऐसा करने की बात कही।

‘बच्चों को समझने की जरूरत है समझाने की नहीं’
इस घटना के बाद मनोचिकित्सक संजीव त्यागी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन का सभी पर असर पड़ा है। जिसमें बच्चे भी शामिल हैं। अक्सर चर्चा इन पर नहीं होती है। ऑनलाइन क्लास ने बच्चों को सीधे इंटरनेट से जोड़ दिया है। पैरंट्स अपनी व्यस्तता के कारण उन पर कम ध्यान देते हैं। ऐसे में बच्चों से बात नहीं करने पर वह उनसे दूर होते हैं। उनकी मन की बात भी पता नहीं चलती है। इस दौरान बच्चों को समझने के लिए इन बातों का खासा ध्यान रखने की जरूरत है।

– बच्चों को मोबाइल और लैपटॉप का प्रयोग घर के किसी व्यक्ति के सामने ही करने दें। अकेले में कम रहने दें।
– बच्चों को समझाने के स्थान पर उनको समझने और सुनने का प्रयास करें।
– कोरोना के चलते लगी पाबंदियों के कारण बच्चों को बाहर लेकर नहीं जा सकते हैं, लेकिन उन्हें कम से कम कुछ देर के लिए बाहर जरूर टहलाएं।
– घर के माहौल को बढ़िया रखें, जिससे बच्चे बाहर जाने की जिद भी कम करें।
– बच्चों को जिस काम के लिए बार-बार कहते हैं, उसे अपने ऊपर भी लागू करें।

News Share
CIN News | Bharat timeline 2023