Covid-Vaccine | दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन भारत में लॉन्च, कितनी सेफ, कौन लगवा सकता है ये वैक्सीन, जाने हर सवाल का जवाब इस खबर में

नई दिल्ली: दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन भारत में लॉन्च हो गई है. वैक्सीन का नाम iNCOVACC है, जिसे भारत बायोटेक ने बनाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को इस वैक्सीन को लॉन्च किया. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, iNCOVACC पहले प्राइवेट अस्पतालों में लगाई जाएगी.

भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन को पिछले साल 6 सितंबर को सरकार ने इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी थी. हालांकि, अब तक ये वैक्सीन लगाई नहीं जा रही थी. 

iNCOVACC को रोलआउट किए जाने के बाद अब एक और वैक्सीन जुड़ गई है. इसे कोविन पोर्टल पर भी लिस्ट कर दिया गया है. इसके बाद कोविन पोर्टल पर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin), सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और कोवोवैक्स (Covavax), रूस की स्पूतनिक वी (Sputnik V) और बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की कोर्बेवैक्स (Corbevax) के अलावा iNCOVACC भी आ गई है.

ऐसे में जानना जरूरी है कि ये वैक्सीन किसे लगेगी? कौन लगवा सकेगा? इसकी कीमत कितनी है? बाकी वैक्सीन से इसमें क्या अलग है?

1. क्या है ये वैक्सीन?

– ये दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन है. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने मिलकर बनाया है. इसे पहले BBV154 नाम दिया गया था. अब इसे iNCOVACC नाम दिया गया है.

2.  ये वैक्सीन काम कैसे करती है?

– कोरोना समेत ज्यादातर वायरस म्युकोसा के जरिए शरीर में जाते हैं. म्युकोसा नाक, फेफड़ों, पाचन तंत्र में पाया जाने वाला चिपचिपा पदार्थ होता. नेजल वैक्सीन सीधे म्युकोसा में ही इम्युन रिस्पॉन्स पैदा करती है, जबकि मस्कुलर वैक्सीन ऐसा नहीं कर पाती.

– इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी बताया था कि नेजल वैक्सीन बेहतर है क्योंकि इन्हें लगाना ज्यादा आसान है और ये म्यूकोसा में ही इम्युनिटी बना देता है, जिससे संक्रमण से शुरुआत में ही बचा जा सकता है.

3.  बाकी वैक्सीन से कितनी अलग?

– भारत में अब तक जितनी वैक्सीन लगाई जा रही है, वो सभी इंट्रामस्कुलर वैक्सीन हैं. इन्हें इंजेक्शन के जरिए बांह में लगाया जाता है.

– लेकिन भारत बायोटेक की ये नेजल वैक्सीन है. इसे नाक के जरिए दिया जाएगा. इसका मतलब ये नहीं कि इंजेक्शन नाक में लगाया जाएगा. बल्कि ड्रॉप की तरह इसे नाक में डाला जाएगा. 

– नेजल वैक्सीन को मस्कुलर वैक्सीन से ज्यादा असरदार माना जाता है. उसकी वजह ये है कि जब इंजेक्शन के जरिए बांह में वैक्सीन लगाई जाती है तो वो संक्रमण से फेफड़ों को बचाती है. लेकिन नेजल वैक्सीन नाक में दी जाती है और ये नाक में ही वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बना देती है जिससे वायरस शरीर के अंदर नहीं जा पाता.

– इस वैक्सीन को ड्रॉप से नाक में डाला जाएगा. इसकी एक डोज में चार ड्रॉप डाली जाती है. अगर दो डोज लगनी है तो चार हफ्ते बाद दूसरी डोज में फिर से चार ड्रॉप डाली जाएगी.

4. कितनी सेफ है ये वैक्सीन?

– तीन फेज के ट्रायल में iNCOVACC असरदार साबित हुई है. कंपनी ने फेज-1 के ट्रायल में 175 और दूसरे फेज के ट्रायल में 200 लोगों को शामिल किया था.

– तीसरे फेज का ट्रायल दो तरह से हुआ था. पहला ट्रायल 3,100 लोगों पर किया गया था, जिन्हें वैक्सीन की दो डोज दी गई थी. वहीं, दूसरा ट्रायल 875 लोगों पर हुआ था और उन्हें ये वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर दी गई थी.

– कंपनी का दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार साबित हुई है. कंपनी के मुताबिक, इस वैक्सीन से लोगों के अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में कोरोना के खिलाफ जबरदस्त इम्युनिटी बनी है, जिससे संक्रमण होने और फैलने का खतरा काफी कम है.

5. कौन लगवा सकता है ये वैक्सीन?

– ये वैक्सीन अभी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही लगाई जाएगी. 12 से 17 साल के बच्चों का भी वैक्सीनेशन चल रहा है, लेकिन वो इसे नहीं लगवा सकते.

– दूसरी बात ये कि इसे बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जाएगा. यानी, जो दो डोज ले चुके हैं, वही ये वैक्सीन ले सकते हैं.

– हालांकि, इसे प्राइमरी वैक्सीन की मंजूरी भी मिली है. यानी, अगर कोई भी वैक्सीन नहीं ली है तो भी इसे लगवा सकते हैं. हालांकि, भारत में लगभग पूरी आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है.

– लेकिन अभी भी बहुत बड़ी आबादी ने बूस्टर डोज नहीं ली है. कोविन पोर्टल के मुताबिक, देश में 95.15 करोड़ से ज्यादा लोग दो डोज ले चुके हैं. पर 22.47 करोड़ लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाई है. 
 
6. कोविशील्ड ली थी तो क्या ये लगवा सकते हैं?

– भारत बायोटेक की iNCOVACC वैक्सीन का इस्तेमाल Heterologous Booster के तौर पर किया जाएगा. यानी, अगर आपने पहली दो डोज किसी और वैक्सीन की भी ली होगी तो भी बूस्टर के तौर पर इसे ले सकते हैं.

– इसका मतलब ये हुआ कि अगर पहली दो डोज कोविशील्ड या किसी और वैक्सीन की भी ली होगी तो भी आप iNCOVACC की बूस्टर डोज लगवा सकते हैं.

7. कैसे लगवा सकेंगे वैक्सीन?

– अगर आपने अब तक बूस्टर डोज नहीं ली है तो ये वैक्सीन लगवा सकते हैं. इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.

– बूस्टर डोज के लिए रजिस्ट्रेशन CoWin पोर्टल पर होगा. इसके लिए cowin.gov.in पर रजिस्टर करवाना होगा. यहां जाकर आप iNCOVACC को चुन सकते हैं.

8. कहां से लगवा सकेंगे ये वैक्सीन?

– ये वैक्सीन फिलहाल निजी अस्पतालों में ही लगेगी. सरकारी अस्पताल या सरकारी केंद्रों पर नहीं लगाई जाएगी.

9. क्या इसके लिए पैसे देने होंगे?

– हां. देश में 18 से 59 साल के लोगों को बूस्टर डोज के लिए पैसे ही देने पड़ रहे हैं. भारत बायोटेक ने इसकी कीमत का खुलासा कर दिया है.

– कंपनी के मुताबिक, केंद्र या राज्य सरकारों को ये वैक्सीन 325 रुपये में मिलेगी. जबकि, निजी अस्पतालों को 800 रुपये में मिलेगी. इसके अलावा इस पर जीएसटी भी लगेगा.

10. कब से लगनी शुरू होगी ये वैक्सीन?

– अभी इसकी तारीख नहीं आई है. कंपनी का कहना है कि जल्द ही ये बाजार में आ जाएगी. फिलहाल ये वैक्सीन कोविन पोर्टल पर लिस्टेड हो चुकी है.

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