नई दिल्ली:
“आगरा” भारत का एक ऐसा शहर जो दुनिया भर में प्रसिद्ध है। दुनिया के सातवें अजूबे ‘ताजमहल’ के कारण सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक इसी शहर में आते हैं। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भारत के नक्शे से आगरा का नामोनिशान मिटाने की तैयारी कर रही है। जी हां, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा का नाम बदलने जा रहे हैं। भविष्य में इस शहर को अग्रवन (NEW NAME AGRAVAN) के नाम से जाना जाएगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले में जिले के आंबेडकर विश्वविद्यालय से नाम बदलने के प्रस्ताव पर साक्ष्य मांगे गए हैं। अब इस पर विश्वविद्यालय का इतिहास विभाग मंथन कर रहा है। इतिहास के जानकारों के मुताबिक, दशकों पहले आगरा का नाम अग्रवन हुआ करता था। शासन अब ये साक्ष्य तलाशने की कोशिश कर रहा है कि अग्रवन का नाम आगरा किन परिस्थितियों में किया गया।
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था और ऐतिहासिक मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय कर दिया गया था। बता दें कि मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर 1968 में दीन दयाल उपाध्याय मृत पाए गए थे। इसीलिए योगी सरकार ने इस रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का निर्णय किया था।
2017 में यूपी की सत्ता में आने के बाद से ही योगी सरकार ने नाम बदलने का सिलसिला जारी रखा है। हाल ही में फैजाबाद जिले का का नाम बदलकर अयोध्या रखा गया था। आगरा के ही बीजेपी नेता जगन प्रसाद ने शहर का नाम बदलने की मांग की थी। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भी लिखी। हालांकि उन्होंने आगरावन करने की मांग की थी। उन्होंने सीएम को लिखा कि क्योंकि यहां पर काफी वन हैं और महाराजा अग्रसेन के काफी चाहने वाले इस शहर में रहते हैं इसलिए शहर का नाम आगरावन होना चाहिए।